images 4 1 - 500 वर्ष पहले बाबर के सिपहसालार ने अयोध्या, संभल में जो कृत्य किया गया और आज जो बांग्लादेश में हो रहा है, तीनों की प्रकृति-डीएनए एक जैसाः योगी आदित्यनाथ।

500 वर्ष पहले बाबर के सिपहसालार ने अयोध्या, संभल में जो कृत्य किया गया और आज जो बांग्लादेश में हो रहा है, तीनों की प्रकृति-डीएनए एक जैसाः योगी आदित्यनाथ।

अयोध्या उत्तर प्रदेश

500 वर्ष पहले बाबर के सिपहसालार ने अयोध्या, संभल में जो कृत्य किया गया और आज जो बांग्लादेश में हो रहा है, तीनों की प्रकृति-डीएनए एक जैसाः योगी आदित्यनाथ।

images 4 1 - 500 वर्ष पहले बाबर के सिपहसालार ने अयोध्या, संभल में जो कृत्य किया गया और आज जो बांग्लादेश में हो रहा है, तीनों की प्रकृति-डीएनए एक जैसाः योगी आदित्यनाथ।

अयोध्या। 

उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामायण मेला समिति द्वारा आयोजित 43वें रामायण मेला का गुरुवार को रामकथा पार्क में शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम ने पुस्तिका का विमोचन भी किया। सीएम ने रामायण मेला समिति को आश्वस्त किया कि अयोध्या में कुछ नया लेकर आइए, सरकार सदा आपके साथ है। उन्होंने रामायण पर शोध की आवश्यकता पर बल दिया। सीएम ने कहा कि अयोध्या धाम को पुरातन गौरव प्राप्त हो। इसके लिए सरकार नित कार्य कर रही है।

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 500 वर्ष पहले बाबर के सिपहसालार ने अयोध्या, संभल में जो कृत्य किया था और जो काम आज बांग्लादेश में हो रहा है, तीनों की प्रकृति-डीएनए एक जैसा है। कोई मानता है कि यह बांग्लादेश में हो रहा है तो गलतफहमी में न रहे। यहां भी बांटने वाले तत्व पहले से खड़े हैं। वे सामाजिक ताने-बाने को छिन्न- भिन्न और सामाजिक एकता को तोड़कर, आपको बांटकर फिर काटने व कटवाने का इंतजाम भी कर रहे हैं। बांटने वाले बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जिन्होंने दुनिया के कई देशों में प्रॉपर्टी खरीद रखी है। यहां संकट आएगा तो वे वहां भाग जाएंगे और मरने वाले मरते रहेंगे, लेकिन हम प्रभु के आदर्शों से प्रेरणा लेकर उसके अनुरूप खुद को तैयार करते हुए पीएम मोदी के ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण में योगदान देंगे।

images 5 1 - 500 वर्ष पहले बाबर के सिपहसालार ने अयोध्या, संभल में जो कृत्य किया गया और आज जो बांग्लादेश में हो रहा है, तीनों की प्रकृति-डीएनए एक जैसाः योगी आदित्यनाथ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भगवान राम ने पूरे भारत व समाज को जोड़ने का कार्य किया। जोड़ने के कार्य को हमने महत्व दिया होता और सामाजिक विद्वेष- समाज को तोड़ने की दुश्मनों की रणनीति को सफल नहीं होने देते तो देश कभी गुलाम नहीं होता और न ही तीर्थ अपवित्र होते। मुठ्ठी भर आक्रांताओं को भारत के वीर योद्धा रौंद डालते, लेकिन आपसी एकता में बाधा पैदा करने वाले सफल रहे। उन्हीं के जींस आज भी जाति के नाम पर राजनीति करने वाले सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने का प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या ने हजारों वर्षों से विश्व कल्याण की मानवता का मार्ग प्रशस्त किया है। अयोध्या दुनिया के लिए मार्गदर्शक है। यहां कोई युद्ध करने का दुस्साहस नहीं कर सकता। राग-द्वेष से मुक्त अयोध्या दुनिया में चल रहे द्वंद्व के समाधान की भूमि है। प्रभु कृपा से अयोध्या धाम आज आध्यात्मिक व सांस्कृतिक रूप से वैश्विक नगरी के रूप में फिर से नई पहचान के साथ आगे बढ़ रहा है। जनवरी में पीएम नरेंद्र मोदी के करकमलों से 500 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद प्रभु फिर से राम मंदिर में विराजमान हुए हैं। 22 जनवरी को आयोजन अयोध्या में था, लेकिन उत्सव पूरा देश-दुनिया में मनाया जा रहा था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीराम के प्रति भारत का भाव क्या है, इसका अनुभव करना हो तो गांव-गांव में संत तुलसीदास द्वारा प्रारंभ किए गए रामलीलाओं का आयोजन देखिए। प्रभु राम के प्रति सनातन धर्मावलंबियों के भाव का अनुभव करना है तो 1990 के दशक को याद कीजिए, जब हर घर में टीवी नहीं थी, लेकिन लोग सूदूर जाकर दूरदर्शन पर रामायण सीरियल देखते थे। यह प्रभु राम के प्रति भारत की सनातन श्रद्धा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जिसके मन में श्रीराम व मां जानकी के प्रति श्रद्धा व समर्पण का भाव नहीं हैं, उसे कट्टर दुश्मन की तरह त्याग देना चाहिए। 1990 में रामभक्तों ने भी नारा लगाया था, जो राम का नहीं-वो किसी काम का नहीं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोहिया जी कहते थे-जब तक श्रीराम, श्रीकृष्ण व भगवान शिव के प्रति आस्था रहेगी, भारत का कोई बालबांका नहीं कर पाएगा।

इस अवसर पर मणिराम दास छावनी के महंत व आयोजन समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष महंत कमलनयन दास जी महाराज, जगद्गुरु स्वामी रामदिनेशाचार्य जी महाराज, जगद्गुरु स्वामी राघवाचार्य जी महाराज, बड़े भक्तमाल मंदिर के महंत अवधेश कुमार दास जी महाराज, पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती, सुनीता शास्त्री, कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, कमलेश सिंह, नागा रामलखन दास, संयोजक आशीष मिश्र आदि मौजूद रहे। संचालन डॉ. जनार्दन उपाध्याय ने किया।

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