सुल्तानपुर में पिता-भाई की हत्या करने वाले ने किया सुसाइड, अजय यादव ने खुद को मारी गोली।
सुल्तानपुर।
सुल्तानपुर जिले के कूरेभार थाना क्षेत्र में दोहरे हत्याकांड के आरोपी अजय यादव ने तमंचे से कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। घटना सुल्तानपुर के कूरेभार थाना क्षेत्र के सहरी गांव की है। वहीं गांव वालों का कहना है कि यह एनकाउंटर है। मौके से 9 एमएम और 32 एमएम के खोखे मिले हैं। अजय यादव ने अपने कनपटी पर तमंचे से गोली मार ली। उन्होंने यह कदम अपने भाई और पिता की हत्या करने के बाद उठाया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। अजय को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसकी मौत हो गई है।
स्थानीय पुलिस के अनुसार, मामले की जांच जारी है। पुलिस इस घटना के पीछे के कारणों का पता लगाने में जुटी है। लगभग 72 घंटे से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। आरोपी के घर से पुलिस ने शव बरामद किया है। मंगलवार सुबह ही रेल ट्रैक पर आरोपी की बुलेट पाई गई थी। वहीं गांव वाले पुलिस की इस कहानी को हजम नहीं कर रहे, उनका मानना है ये एनकाउंटर है। फिलहाल पुलिस के अधिकारी अभी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
बताते चलें कि कूरेभार थानाक्षेत्र के सहरी गांव में रविवार देर शाम जूड़ा पट्टी गांव के पूर्व प्रधान सत्य प्रकाश यादव और उनके पिता काशीराम यादव की उनके छोटे भाई अजय यादव ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। सोमवार शाम पिता-पुत्र का घर से थोड़ी दूरी पर स्थित बाग में अंतिम संस्कार किया गया था।
पुलिस ने इस मामले में अजय यादव की पत्नी सुनीता यादव, अयोध्या के इनायत नगर निवासी अमर बहादुर यादव और बीकापुर निवासी अरविंद यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। तीनों को हत्यारोपी को शरण देने और पुलिस टीम पर हमला करने के मामले में गिरफ्तार किया गया।
उधर मंगलवार सुबह घर से कुछ दूरी पर नहर के पास हत्यारोपी अजय की बुलेट पाई गई। जिस पर परिजनों ने पुलिस को सूचना दिया। थाने से आई पुलिस बुलेट को लेकर गई है। सत्य प्रकाश के छोटे विजय कुमार यादव ने कहा घर में दहशत का माहौल है। जो मेन मुल्ज़िम हैं, उन पर कार्रवाई नहीं हो रही। अब तक अजय यादव, राजदेव सिंह, श्याम सिंह ये सब फरार हैं। 9 एमएम और 32 एमएम के खोखे मौके से मिले हैं, ऐसे में सवाल ये है कि ये असलहे हत्यारोपी अजय को किसने उपलब्ध कराया? वहीं उससे भी अधिक गंभीर सवाल ये है कि जब दिसंबर माह में थाने के सामने अजय ने महेश को पीटा और शिकायत हुई तो माननीय के दबाव में पुलिस ने अजय पर कार्रवाई के बजाए उसे छोड़ा क्यों? कार्रवाई होती तो आज स्थिति ये नहीं होती।
उधर सत्य प्रकाश की बेटी सृष्टि के अलावा उनके बेटे रितेश ने भी एक तहरीर पुलिस को दिया है। जिसमें कुछ अहम नाम है, लेकिन 24 घंटे बाद भी वो नाम केस से जोड़ा नहीं जा सका। अजय की पत्नी के जेल जाने के बाद उसके दो बेटों को ननिहाल भेजा गया है।