42 लाख का फर्जीवाड़ा, बैंक अधिकारी व फर्म के सुपरवाइजर पर केस दर्ज।
सुल्तानपुर।
सुल्तानपुर जिले फर्जी लेटर पैड के जरिये फर्म का बैंक खाता स्थानांतरित कराकर 42 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। रेलवे ठेकेदार ने फर्म के सुपरवाइजर व बैंक अधिकारी समेत चार लोगों के खिलाफ शहर कोतवाली में केस दर्ज कराया है।
नगर कोतवाली के सिविल लाइंस निवासी वीरेंद्र प्रताप सिंह रेलवे में ठेकेदारी करते हैं। वीरेंद्र के मुताबिक उनकी फर्म शिवा इंटरप्राइजेज का खाता केनरा बैंक सुल्तानपुर में है। मजदूरों के भुगतान व अन्य खर्चों के लिए आईसीआईसीआई बैंक में भी फर्म का खाता है। उन्होंने अंबेडकरनगर के मालपुर माधवपुर थाना राजे सुल्तानपुर के सर्वेद्र वीर विक्रम सिंह को सुपरवाइजर का काम दे रखा था। वित्तीय अनियमितता और काम में लापरवाही करने पर उन्होंने सवेंद्र को नौकरी से निकाल दिया था। उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक खाते का संचालन रोकने के लिए 30 मई को लिखित पत्र सहायक प्रबंधक चांदनी सिंह को दिया। वीरेंद्र के अनुसार छह अगस्त को रेलवे का भुगतान 42,07,836 रुपये उनके केनरा बैंक के खाते के बजाय आईसीआईसीआई बैंक में आया। मोबाइल पर रेलवे की ओर से दूसरे बैंक खाते में भुगतान का मैसेज आने पर उन्हें शंका हुई।
उन्होंने जानकारी जुटाई तो पता चला कि आठ जुलाई को रजिस्टर्ड डाक से उनकी फर्म के लेटर पैड पर रेल विभाग से अनुरोध किया गया था कि वह शिवा इंटरप्राइजेज का खाता केनरा बैंक से आईसीआईसीआई बैंक सुल्तानपुर स्थानांतरित कराना चाहते हैं। फर्म का कैंसिल चेक भी पत्र के साथ संलग्न किया गया था। पत्र में सवेंद्र ने उनके फर्जी हस्ताक्षर किए थे। इसी आधार पर रेलवे का पैसा आईसीआईसीआई बैंक खाते में आ गया। सर्वेद्र वीर विक्रम सिंह को आईसीआईसीआई बैंक खाते का आईडी और पासवर्ड मालूम था। उसी दिन आईसीआईसीआई बैंक खाते से भारत ट्रेडर्स के खाते में 25 लाख, जय बजरंग कांस्ट्रक्शन के खाते में 10 लाख, क्रिएटिव सोलूशन के खाते में सात लाख और गौरीशंकर के खाते में 7836 रुपये ऑनलाइन भेजे गए।
शहर के कोतवाल अरुण द्विवेदी ने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक की सहायक प्रबंधक चांदनी सिंह, सुपरवाइजर सर्वेद्र वीर विक्रम सिंह समेत चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। विवेचना में जो साक्ष्य सामने आएंगे, उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी।