प्रभु श्रीरामलला को पहनाया जाएगा सूती वस्त्र, भोग में भी हुआ बदलाव।
अयोध्या।
अयोध्या श्रीरामनगरी में गर्मी का मौसम शुरू हो गया है तो हमारे प्रभु श्रीरामलला का ध्यान में रखते हुए, उन्हें अब सूती वस्त्र धारण कराया जाएगा। इसके साथ ही उनके भोग में भी बदलाव किया गया है । श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक हथकरघा सूती और मलमल वस्त्र तैयार कराया गया है। जिस पर फूलों का गोटा भी लगाया गया है। रामलीला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने शनिवार को बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के दौरान ठंड पड़ रही थी। इस कारण उन्हें मखमली और मोटे वस्त्र धारण कराए गए थे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट आयोजनों का दस्तावेज तैयार कर रहा है। एक स्मारिका पुस्तिका भी बनाई जाएगी, जिसमें शामिल साधु संतों और विशिष्ट अतिथियों के अनुभव की राय ली जा रही है। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में देश के अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े लगभग आठ हजार विशिष्ट अतिथि और संत धर्म आचार्य शामिल हुए थे।
महोत्सव को देश के पांच लाख मठ मंदिरों में भी मनाया गया था। जिसको लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रमुख साधु-संतों से लिखित रूप से आयोजन के संबंध में अनुभव की जानकारी जुटा रहा है। अयोध्या से बाहर रहने वाले लोगों से सोशल मीडिया के माध्यम से राय मांगी जा रही है। हालांकि इस मामले पर कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन ट्रस्ट सूत्र बताते हैं कि देश में पहली बार इस तरह का आयोजन हुआ। जिसमें पूरी दुनिया से लोग शामिल हुए थे। इस पर दस्तावेज तैयार कराए जा रहे हैं।
विशिष्ट दर्शन के लिए बनेंगे पास, ट्रस्ट का अनुमोदन अनिवार्य।
प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रीरामनगरी में श्रीरामलला के दर्शन के लिए बढ़ती श्रद्धालुओं की भीड़ को लेकर अब श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से विशिष्ट दर्शन पास की सुविधा दी जायेगी। दो-दो घंटे के छह स्लाटों में रोजाना करीब 600 पास बनाए जाने की योजना बनाई गई है। खास बात यह है कि विशिष्ट दर्शन के लिए विशिष्ट पास तभी बनाया जाएगा, जब ट्रस्ट ने उसके लिए अनुमोदन किया हो। बिना अनुमोदन के पास नहीं बनाए जाएंगे।
ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा के अनुसार राम कचेहरी स्थित ट्रस्ट कार्यालय में विशिष्ट पास और सुगम दर्शन के लिए पास के लिए एक अलग काउंटर भी बनाया गया है। दो अतिरिक्त ऑपरेटर तैनात करने के साथ अन्य व्यवस्था की गई है। पास धारक श्रद्धालुओं को तय समय सीमा में ही गेट नंबर दो रंगमहल बैरियर से प्रवेश दिया जा रहा है। हालांकि दबाव को देखते हुए यहां व्यवस्था और कड़ी की गई है। ट्रस्टी के अनुसार अलग-अलग स्लाटों में भक्तों को दर्शन सुलभ होगा।
ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा के अनुसार हर स्लाट में 100 विशिष्ट पास बनेंगे। इनमें से 20 ऑनलाइन होंगे और 80 विशिष्ट पास ट्रस्ट के अनुमोदन पर विशिष्ट व्यक्तियों के लिए बनाए जाएंगे। इनमें संत – धर्माचार्य, प्रशासनिक और न्याय विभाग को शामिल किया गया है। विशिष्ट पास में समय भी अंकित रहेगा। उसी के अनुसार दर्शन करना होगा। निर्धारित समय स्लाट से अतिरिक्त वह विशिष्ट पास प्रयोग नहीं किया जा सकता है।
यह स्लाट किए गए हैं निर्धारित
-सुबह सात बजे से नौ बजे तक।
-सुबह नौ बजे से 11 बजे तक।
-दोपहर एक बजे से तीन बजे तक।
-दोपहर तीन बजे से शाम पांच बजे तक।
-शाम पांच बजे से सात बजे तक।
-शाम सात बजे से रात्रि नौ बजे तक।
नोट – निर्धारित स्लाट के विशिष्ट पास उसी स्लाट की समय सीमा के लिए होंगे। इसमें परिवर्तन नहीं किया जाएगा।