35 घंटे सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर रोक,एक नवंबर की दोपहर 12 बजे से परिक्रमा समाप्ति तक रहेगा लागू|
अयोध्या|
चौदहकोसी परिक्रमा मंगलवार रात तय मुहूर्त पर 12:48 बजे शुरू होगी। परिक्रमा में इस बार भारी भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने रूट डायवर्जन किया है। इसके तहत एक नवंबर को दोपहर 12 बजे से दो नवंबर की रात 11 बजे तक कुल 35 घंटे लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। इसके चलते लखनऊ, गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, रायबरेली, गोंडा व बहराइच रूटों पर डायवर्जन का फैसला लिया गया है।
अयोध्या व फैजाबाद शहर की परिधि पर 14 कोसी परिक्रमा पथ की दूरी लगभग 45 किलोमीटर है। परिक्रमा के मद्देनजर नगरी में सोमवार शाम से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया है। लाखों भक्त अपनी सुविधा अनुसार परिक्रमा पथ पर जहां से निकलेंगे, वहीं समापन करेंगे। अयोध्या का पौराणिक कार्तिक मेला एक नवंबर से शुरू होगा। जिसका प्रमुख आयोजन चौदहकोसी परिक्रमा एक व दो नवंबर को व पंचकोसी परिक्रमा तीन व चार नवंबर को होगी।
पूर्णिमा स्नान मेला आठ नवंबर को है। ऐसे में एक नवंबर की सुबह से ही भक्तों का रेला देर रात तक अयोध्या में उमड़ना शुरू होगा। चौदहकोसी परिक्रमा पथ रामनगरी व फैजाबाद दोनों शहरों से होकर तो जाता है। कई जगह हाईवे के पास से गुजरता है। ऐसे में 20 से 25 लाख भक्तों के आने के अनुमान के बाद शासन के गृह व पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों ने डीएम-एसएसपी से समीक्षा के बाद हाईवे पर भारी वाहनों को प्रतिबंधित करते हुए रूट डायवर्जन का फैसला लिया है।
सीओ अयोध्या डॉ.राजेश तिवारी ने बताया कि शहर के अंदर सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। यह प्रतिबंध एक नवंबर की दोपहर 12 बजे से परिक्रमा समाप्ति तक लागू रहेगा। हाईवे पर यातायात डायवर्जन का खाका खींच लिया गया है। बताया कि इस बार एक नई व्यवस्था की जा रही है। जहां-जहां रेलवे क्रॉसिंग हैं उससे करीब पांच सौ मीटर पहले ही होल्डिंग एरिया बनाया जा रहा है। ट्रेनों के आवागमन के समय यहां श्रद्धालुओं को रोका जाएगा। इस जगह श्रद्धालुओं के लिए खाने-पीने व बैठने की भी व्यवस्था रहे ऐसी तैयारी है।