वाह री बीकापुर पुलिस – अब आरोपियों को दे रही अभय दान
♦️नामजद आरोपी को पकड़ने के बाद थाने से ससम्मान छोड़ा ♦️सत्ता पक्ष के प्रभावशाली नेताओं के दबाव में बीकापुर पुलिस आरोपियों पर मेहरबान ♦️बीकापुर पुलिस के रवैये से भयभीत एवं भयाक्रांत है पीड़ित परिवार ✍सुरेंद्र प्रताप सिंह, संपादक
बीकापुर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत रामनगर चौकिया गांव में किशोरी की आत्महत्या प्रकरण में बीकापुर पुलिस द्वारा 9 लोगों के विरुद्ध गंभीर आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के उपरांत अब आरोपियों पर मेहरबान हो गई है।
पुलिस ने मामले में दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर थाने लाने के बाद उन्हें अभय दान देते हुए थाने से ससम्मान विदा कर दिया है। जिसके बाद बीकापुर पुलिस की सक्रियता का पर्दा जरूर उठ गया है।
वहीं दूसरी ओर बीकापुर पुलिस का रवैया देख पीड़ित परिवार पूरी तरह से भयभीत एवं अपने को असुरक्षित महसूस करने लगा है।
बताते चलें कि कोतवाली क्षेत्र के रामनगर चौकिया गांव निवासी शिवनाथ पुत्र गोकुल की बेटी अंजलि ने बीते 8 जून की रात घर के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने किशोरी के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। किशोरी के पिता शिवनाथ का आरोप है कि वह बसिलसिले रोजी रोजगार बाहर शहर में रहता था। घर पर उसकी पत्नी बेटी अंजलि और उसका बीमार पिता ही रहते थे।
उनका आरोप है कि बीते 4 जून को सुबह सोनू यादव पुत्र हृदय राम यादव निवासी ग्राम नाहरपुर थाना कोतवाली तारुन तथा राम कुमार विश्वकर्मा पुत्र राम अवध, जयराम जायसवाल पुत्र स्वर्गीय महादेव एवं दिलीप जायसवाल पुत्र जय राम, रामराज पुत्र अनंत बहादुर, अमरनाथ मौर्य पुत्र बंशूलाल, धर्मराज पुत्र अनंत बहादुर, पंडित जायसवाल पुत्र द्वारिका एवं बलराम मोर्य पुत्र राम तीरथ निवासी गण ग्राम रामनगर थाना कोतवाली बीकापुर उनके घर पहुंच गए थे। उन लोगों ने मेरी बेटी अंजलि को ब्लैकमेल करने की नियत से वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था। जिसके चलते मेरी बेटी अवसाद में थी तथा सामाजिक आघात एवं लोक लज्जा के चलते उसने आहत होकर बीते 8 जून को सुसाइड कर लिया था। किशोरी के पिता की तहरीर पर पुलिस ने बीते 12 जून की देर रात मामले में सोनू यादव, राम कुमार विश्वकर्मा, जय राम जयसवाल, दिलीप जायसवाल, रामराज, अमरनाथ मौर्य, धर्मराज, पंडित जायसवाल एवं बलराम मौर्य के विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या 442/20 के अंतर्गत धारा 306 आईपीसी एवं 67 ए सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम 2008 के तहत मुकदमा कायम कर लिया था। मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के उपरांत बीकापुर पुलिस ने 5 दिन बाद तेजी दिखाई और बीते सोमवार को घटना में नामजद अभियुक्तों धर्मराज, एवं रामराज को पकड़ कर कोतवाली ले आई।
उधर पुलिस के हरकत में आते ही सत्ता पक्ष के प्रभावशाली नेता भी राजनीतिक रोटी सेकने से बाज नहीं आए जिनके प्रभाव में आकर बीकापुर कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किए गए दोनों अभियुक्तों पर दरियादिली दिखाते हुए उन्हें छोड़ दिया। समूचे घटनाक्रम को लेकर अब बीकापुर कोतवाली पुलिस की कार्यशैली को लेकर आमजन द्वारा निसंदेह सवालिया निशान लगाया जाना समीचीन जरूर होगा।
क्योंकि पीड़ित को न्याय दिलाने एवं बाद कारी का हित सर्वोच्च का ढिंढोरा पोस्ट पीटने वाली पुलिस आप स्वयं कटघरे में खड़ी दिखती नजर आ रही है, फिलहाल पुलिस की इस कार्यवाही को लेकर चर्चाओं का बाजार जरूर गर्म हो गया है।
अब तो देखना है कि बीकापुर कोतवाली पुलिस से पीड़ित परिवार को इंसाफ कब और कैसे मिल सकेगा।
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