हाईकोर्ट ने प्रदेश भर में ग्राम सभाओं की जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने के दिए आदेश।
लखनऊ।
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रदेश भर में ग्राम सभाओं की सार्वजनिक उपयोग की जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने के आदेश राज्य सरकार को दिए हैं। न्यायालय ने प्रमुख सचिव, राजस्व को भी आदेश दिया है कि वह इस सम्बंध में दिशानिर्देश जारी कर यह सुनिश्चित करें कि सार्वजनिक उपयोग की जमीनें उसी उपयोग में आएं जिसके लिए वे राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने गोण्डा निवासी सदाराम की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर पारित किया। याचिका में गोण्डा जनपद के सीहा ग्राम सभा की रास्ते की एक जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने की मांग की गई थी। न्यायालय ने इस पर संज्ञान लेते हुए कहा कि सार्वजनिक उपयोग की जमीनों पर अवैध कब्जा न सिर्फ गैर कानूनी है बल्कि यह बड़े पैमाने पर ग्राम वासियों के लिए परेशानी का सबब भी बनाता है, लिहाजा सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि वे अवैध अतिक्रमण के मामलों को गम्भीरता से लें और यदि इस सम्बंध में कोई भी शिकायत प्राप्त हो तो तत्काल राजस्व अधिकारियों की एक टीम बनाकर सम्बंधित स्थल का निरीक्षण किया जाए।न्यायालय ने कहा कि यदि अवैध अतिक्रमण पाया जाता है तो तत्काल इसे हटाने के लिए कार्यवाही की जाए। न्यायालय ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के आदेशों पर यदि त्वरित कार्रवाई नहीं की जाएगी तो ऐसे आदेशों का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा।
न्यायालय ने कहा कि इस मामले के दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए आदेश की प्रति प्रमुख सचिव, राजस्व व जिलाधिकारी गोण्डा को तीन दिनों में भेजी जाए।