हर मन में राम चहुंओर गूंज रहा जय श्रीराम, श्रीरामलला के स्वागत में सड़कों को रोशन करेंगे 40 सूर्यस्तंभ।
अयोध्या।
अयोध्या श्रीरामनगरी इन दिनों राममय हो चुकी है। श्रीरामनगरी के कोने-कोने में उल्लास छलक रहा है। श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है, लेकिन उससे पहले ही श्रीरामलला के दर्शन को देश-विदेश के श्रद्धालु उमड़ पड़े हैं। हर मन में सिर्फ श्रीरामलला के दर्शन की लालसा दिख रही है। अयोध्या में रोजाना 50 हजार श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
श्रीराममंदिर निर्माण का साक्षी बनने के लिए पूरा भारत तो उमड़ ही पड़ा है, विश्व के कोने-कोने से भी भक्त पहुंच रहे हैं। बुधवार को श्रीरामजन्मभूमि पथ पर भक्तों का रेला लगा था। इस भीड़ में देश-विदेश के श्रद्धालु नजर आ रहे थे। हर मन में सिर्फ श्रीरामलला श्रीरामलला के दर्शन की उत्कंठा दिख रही थी। जो दर्शन को जा रहे थे उनके चेहरे पर बेसब्री का भाव था, जो लौट रहे थे वे निहाल नजर आ रहे थे। सभी उत्साहित थे, जय श्रीराम का उद्घोष कर रहे थे।
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव ने बताया कि विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने कहा कि श्रीरामलला के दरबार में 10 से 15 हजार की भीड़ होती थी लेकिन इस समय 25 से 30 हजार श्रद्धालु रोजाना दर्शन को पहुंच रहे हैं।
श्रीराममंदिर स्थापत्य कला का भी बेजोड़ नमूना होगा। श्रीराममंदिर की दीवारों पर सनातन संस्कृति के दर्शन होंगे। मंदिर के सभी स्तंभों व परकोटे में देवी-देवताओं व रामकथा के प्रसंगों की सात हजार मूर्तियां उकेरने का काम तेजी से चल रहा है। 50 से अधिक मूर्तिकार स्तंभों पर मूर्तियां उकेरने में जुटे हैं। स्तंभों पर भगवान श्रीकृष्ण, शंकर, गणेश, माता लक्ष्मी आदि देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं।
भूतल के स्तंभों में मूर्तियां उकेरने का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इसको लेकर थीम भी तय की गई है। भगवान राम के पैदा होने से लेकर उनके वनवास तक के जीवन को मंदिर में दर्शाया जा रहा है। इसके साथ ही रावण से युद्ध और लंका दहन से लेकर घर वापसी तक की कहानी को चित्रों के माध्यम से दीवारों पर उकेरा जा रहा है।