सुल्तानपुर स्थानीय कोतवाली क्षेत्र के लोटिया (बेलखरिया) गांव के जय मां विंध्यवासिनी नर्सिंग पैरामेडिकल कॉलेज के प्रबंधक को शनिवार को पुलिस ने पकड़ लिया। उस पर फर्जी नर्सिंग कॉलेज चलाने व मोटी रकम के एवज में युवाओं को एएनएम-डीएमएलटी के फर्जी प्रमाणपत्र देने का आरोप है। बीते साल डीएम के निर्देश पर पुलिस ने प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी। तीन सदस्यीय जांच टीम ने भी नर्सिंग काॅलेज को फर्जी करार दिया है।
स्थानीय कोतवाली क्षेत्र के लोटिया (बेलखरिया) गांव में करीब चार वर्ष से जय मां विंध्यवासिनी नर्सिंग पैरामेडिकल कॉलेज संचालित किया जा रहा था। इसमें काफी संख्या में छात्र-छात्राएं एएनएम व डीएमएलटी का कोर्स कर रहे थे।
आरोप है कि संस्थान ने प्रत्येक छात्र से एएनएम के लिए 2.20 लाख, डीएमएलटी के लिए 1.80 लाख व सीएमएसईडी कोर्स के लिए 1.40 लाख रुपये दो वर्ष के लिए वसूले थे। कोर्स की अवधि पूरी होने पर प्रबंधक भूपेंद्र उपाध्याय उन्हें डिप्लोमा पकड़ा देता था। डिप्लोमा मिलने के बाद छात्रों को छह माह के लिए जिला मुख्यालय स्थित मेडिकल काॅलेज में प्रशिक्षण दिलाया जाता था।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस नर्सिंग काॅलेज से करीब 250 छात्र-छात्राओं ने डिप्लोमा हासिल किया था। बीते वर्ष प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से एएनएम तथा डीएमएलटी की भर्ती निकाली थी। डिप्लोमाधारी छात्रों ने इस भर्ती के लिए आवेदन किया तो नर्सिंग काॅलेज की कलई खुल गई। भर्ती बोर्ड ने इस नर्सिंग काॅलेज से जारी डिप्लोमा को फर्जी बताया, तो छात्र सकते में आ गए। प्रबंधक भूपेंद्र उपाध्याय से छात्र-छात्राएं मिलीं तो उसने डिग्री को सही बताया। छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन डिप्लोमा की जांच में अंकपत्र, अनुक्रमांक और संस्थान का नाम भी पोर्टल पर नहीं पाया गया। इस पर छात्र-छात्राओं ने इसकी शिकायत डीएम-सीएमओ से की तो प्रबंधक फरार हो गया।
डीएम के निर्देश पर स्थानीय पुलिस ने शिल्पा यादव, अंजलि वर्मा, शांति गौतम, अतुल निषाद, विकास कुमार व ललिता की तहरीर पर बीते वर्ष मुकदमा दर्ज किया था। जांच के दौरान नर्सिंग काॅलेज प्रदेश की स्टेट मेडिकल फैकल्टी से संबद्ध नहीं पाया गया।
प्रबंधक भूपेंद्र कॉलेज की संबद्धता का कोई कागज नहीं उपलब्ध करा सका। जांच अधिकारी व उपनिरीक्षक अनिल सक्सेना ने बताया कि शनिवार सुबह भूपेंद्र के एक युवक के साथ लंभुआ आने की सूचना मिली। हाईवे के किनारे पठखौली मोड़ पर घेराबंदी करके पुलिस ने प्रबंधक को पकड़ लिया। उसे न्यायालय भेजा जा रहा है।
तत्कालीन जिलाधिकारी जसजीत कौर के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय कमेटी में प्रशासनिक अधिकारी योगेंद्र सिंह चौहान, एसीएमओ द्वय डॉ. आमिर अहमद व डॉ. राधावल्लभ शामिल थे। कमेटी की जांच में नर्सिंग कॉलेज को फर्जी पाया गया है।
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