सुरेन्द्र सिंह
अयोध्या
चुनावी वर्ष में गन्ना किसान दो मोर्चे पर जूझ रहे हैं। पहला तो गन्ना बिक्री के लिए पर्ची मिलने की चुनौती है तो दूसरा 14वें दिन गन्ना भुगतान का दावा बेअसर है।
चालू पेराई सत्र में 14वें दिन के हिसाब से गन्ना बकाए की सबसे ज्यादा रकम केएम शुगर मिल पर 79 करोड़ 42 लाख रुपये है।
जिला गन्ना अधिकारी एपी सिंह के अनुसार सीसीएल कम होने से चीनी मिल मसौधा भुगतान के लिए संतुलन नहीं बैठा पा रही है।
उनके अनुसार सोमवार की बैठक में चीनी मिल मसौधा प्रबंधन को गन्ना एक्ट के मुताबिक भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सीसीएल बढ़ाने के लिए दबाव बनाया गया है। लीगल नोटिस पहले ही जिलाधिकारी की तरफ से दी जा चुकी है। बैठक में पर्ची किल्लत दूर करने एवं भुगतान नियत समय पर करने का शासन की मंशा से चीनी मिल प्रबंधन मसौधा एवं रौजागांव को अवगत करा दिया गया है।
रौजागांव चीनी मिल पर14वें दिन के हिसाब से किसानों को 21 करेाड़ 58 लाख रुपये बाकी है। किसान रामकिशोर वर्मा का कहना है कि चीनी मिलें किसानों को परेशान करने के मकसद से पूरी क्षमता से पेराई नहीं कर रही हैं।
पेराई क्षमता के अनुसार गन्ना विभाग किसानों को कलेंडर जारी करता है। उनका कहना है कि क्षमता के अनुरूप पेराई न करने से पर्ची सकंट बढ़ता जा रहा है।
जिला गन्ना अधिकारी के अनुसार मसौधा चीनी मिल की पेराई लगभग क्षमता के अनुरूप है। रौजागांव की पेराई करीब 10 फीसद कम है। तकनीकी गड़बड़ी को दूर करने का निर्देश दिया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही वह क्षमता के अनुरूप पेराई शुरू कर देगी। रौजागांव के किसानों के पर्ची का संकट उसी के बाद दूर हो जाएगा। नियत पखवारे के हिसाब से किसानों को बिक्री के लिए पर्ची मिल सकेगी।