सब्जी मसालों में मिले कीड़े और पेस्टिसाइट्स , गोल्डी-अशोक समेत 16 कंपनियों के मसाले खाने योग्य नही।
कानपुर।
उत्तर प्रदेश के कानपुर बन रहे जिन मसालों को आप खाते हैं, क्या आप जानते है की उससे आपकी सेहत बिगड़ रही है। गोल्डी, अशोक, भोला सब्जी मसाले समेत 16 कंपनियों के सैंपल जांच में फेल पाए गए हैं।
यूपी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) का कहना है- कंपनियों के कई प्रोडक्ट खाने योग्य नहीं हैं। कुछ दिन पहले FSDA के अफसरों ने इसी साल मई में कानपुर में मसालों की कंपनियों पर छापा मारा था। 16 कंपनियों के अलग-अलग मसालों के 35 प्रोडक्ट के सैंपल लेकर जांच के लिए आगरा भेजे थे। इनमें से 23 की रिपोर्ट सामने आई है। इसमें पेस्टीसाइड और कीटनाशक (इंसेक्टिसाइड) की मात्रा काफी अधिक पाई गई। कीड़े भी मिले हैं। इसके बाद FSDA ने मसालों के इन प्रोडक्ट्स की बिक्री पर रोक लगा दी है।
मसालों की ज्यादातर कंपनियां कानपुर में हैं। FSDA के अफसरों ने कानपुर के दादानगर की शुभम गोल्डी मसाला कंपनी से सैंपल कलेक्ट किए थे। उनमें सांभर मसाला, चाट मसाला और गरम मसाला अनसेफ मिला है। यह कंपनी गोल्डी ब्रांड के लिए प्रोडक्ट बनाती है।
इसी तरह अशोक मसालों की दो कंपनियों के प्रोडक्ट में कमियां मिलीं। इनके प्रोडक्ट धनिया पाउडर, गरम मसाला और मटर पनीर मसाला खाने योग्य नहीं मिला। इसी तरह भोला मसाले के प्रोडक्ट की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। लोकल लेवल पर बिकने वाली 14 अन्य कंपनियों के प्रोडक्ट में हानिकारक पदार्थ पाए गए हैं। इन कंपनियों के हल्दी पाउडर में भी पेस्टिसाइट्स मिला है।
सहायक खाद्य आयुक्त संजय प्रताप सिंह ने बताया- अशोक, गोल्डी ब्रांडेड मसालों समेत अन्य कंपनियों के 23 नमूनों में कीड़े, दूषित पदार्थ (पेस्टिसाइड्स) मिला है। MDH और एवरेस्ट मसालों के नमूने फेल होने के बाद शासन के निर्देश पर सैंपल लिए गए थे। खाद्य एवं औषधि विभाग ने मई में अभियान चलाकर शहर की 13 मसाला फैक्ट्रियों पर रेड की थी।
उन्होंने बताया- अलग-अलग कारखानों से 35 सब्जी मसालों के नमूने लिए थे। सभी जांच के लिए लैब भेजे गए थे। अब खाद्य विभाग जिन कंपनियों के मसालों के सैंपल फेल मिले हैं। उनके मालिकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। जवाब संतोषजनक न होने पर सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। उनके खिलाफ ADM सिटी कोर्ट में वाद दायर किया जाएगा। इसके बाद सभी पर जुर्माना तय किया जाएगा।
16 सैंपल में खतरनाक कीटनाशक और 7 में माइक्रो बैक्टीरिया मिले हैं। पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में मसालों में जानलेवा बैक्टीरिया पाए गए हैं। साथ ही काबेंडाजिम भी मिला है, जिसका इस्तेमाल फफूंदी नियंत्रण के लिए होता है। काबेंडाजिम के इस्तेमाल से सेहत पर कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं। दिल और गुर्दे पर खतरनाक असर पड़ता है। बांझपन और अन्य प्रजनन समस्याएं हो सकती हैं।