संविदा चिकित्सक को आठ साल के बेटे ने दी मुखाग्नि। घोपाप धाम पर हुआ अंतिम संस्कार।
सुलतानपुर।
सुलतानपुर जिले में जमीनी विवाद में दबंगों की मारपीट में मारे गये संविदा चिकित्सक को उनके आठ साल के बेटे ने मुखाग्नि दी। इस मामले में मुख्यमंत्री से न्याय की उम्मीद जताते हुए उनके अथवा उपमुख्यमंत्री के आने तक चिकित्सक का अंतिम संस्कार करने पर अड़े परिजनों ने उनकी छह सूत्रीय मांग को विधायक व जिलाधिकारी की लिखित सहमति व संस्तुति के बाद यह जिद छोड़ दी। इसके बाद धोपाप घाट पर आठ वर्षीय बेटे ने चिकित्सक पिता को मुखाग्नि दी।
बीते शनिवार को दबंगो ने जमीनी विवाद में संविदा चिकित्सक डॉ घनश्याम त्रिपाठी की पीट पीटकर हत्या कर दी थी। रविवार को सुबह चिकित्सक के शव का पोस्टमार्टम के बाद उनके पैतृक गांव लम्भुआ कोतवाली के सखौली पहुंचा तो परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया।
मौके पर पहुचे क्षेत्रीय विधायक, प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस अधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया किंतु परिजन मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री के आने के बाद ही अंतिम संस्कार करने पर अड़े हुए थे। देर रात्रि जिलाधिकारी जसजीत कौर एवं पुलिस अधीक्षक सोमेंन वर्मा चिकित्सक के गांव स्थित आवास पर परिजनों को अंतिम संस्कार करने के लिए समझाने को पहुंचे साथ ही साथ उन्हे प्रशासनिक एवं पुलिसिया कार्रवाई से अवगत भी करवाया।
परिजनों के मांग पत्र पर स्थानीय विधायक सीताराम वर्मा, सदर विधायक राज बाबू उपाध्याय, पूर्व विधायक देवमणि द्विवेदी व भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष डॉ. आरए वर्मा की संयुक्त संतुति के बाद जिलाधिकारी जसजीत कौर ने भी मांगपत्र पर संस्तुति व सहमति की तो परिजन माने और अंतिम संस्कार को तैयार हुए। क्षेत्र के प्रसिद्ध स्थल धोपाप धाम पर चिकित्सक के आठ वर्षीय बेटे ने मुखाग्नि दिया।
चिकित्सक की पत्नी निशा तिवारी ने जो 6 सूत्रीय मांग की है उसमें परिवार की सुरक्षा के मद्देनजर शस्त्र लाइसेंस, जमीन पर तत्काल कब्जा, योग्यता के अनुसार रोजगार, अपराधियों कि तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित करने, पीड़ित परिवार को 1 करोड़ का मुआवजा तथा दोषियों के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई किया जाना शामिल हैं।