जानकी जी को मिला गिरिजदेवी का आशीर्वाद….नारद कर वाचा होइहहिं साँचा
श्रीरामलीला समिति, रूदौली के तत्वाधान में तीसरे दिन अहिल्या उद्धार व फुलवारी लीला का हुआ मंचन
✍नितेश सिंह, रुदौली (अयोध्या)
श्रीरामलीला समिति रूदौली अयोध्या के तत्वाधान में मंचन के 130 वें वर्ष के तीसरे दिवस अहिल्या उद्धार,नगर दर्शन व फुलवारी की लीलाएं हुई। अपने पति गौतम के शाप से शापित अहिल्या जड़ हो जाती है। महर्षि विश्वामित्र के साथ भ्रमण के समय भगवान राम उनसे इस महिला के आकृति की प्रस्तर मूर्ति को देखकर उसके विषय मे पूछते हैं। विश्वामित्र बताते हैं अहिल्या आपकी ही प्रतीक्षा में हैं।आपके चरणों के स्पर्श से ही ये शाप के प्रभाव से मुक्त होगी।भगवान उसे शाप से मुक्त करके उसके पतिगृह भेज देते हैं।अपने अनुज लक्ष्मण के साथ भगवान जनकपुर दर्शन को जाते हैं और वहां कुमारों के साथ उनकी भेंट होती है।सब आनंदित होते हैं। अपने गुरु विश्वामित्र के आदेश पर पूजन हेतु पुष्प लालन के राम और लक्ष्मण जनक फुलवारी पहुंच जाते हैं। पुष्प चुनते समय ही जनकनंदिनी सीताजी का गिरिजपूजन हेतु आगमन होता है।राम संकेत में लक्ष्मण को बताते हैं ये हैं जनक की पुत्री हैं जिनका स्वयंवर रचा गया है।वहीं पर भगवान जानकी जी को पहली बार देखते हैं। जानकी जी को गिरिजा का आशीर्वाद प्राप्त होता है कि नारद की वाणी सत्य होने का समय आ गया है और आपका मनोरथ पूर्ण होने वाला है। फुलवारी लीला की दृष्टि से आज मंच की विशेष सज्जा की गई। निर्देशक मंडल के कमलेश मिश्र व मृदुल मनोहर अग्रवाल ने बताया कि फुलवारी की लीला श्रृंगार रस से परिपूर्ण होती है। जिसका दर्शकों ने खूब आनंद लिया।समिति के आशीष शर्मा ने बताया कि मंचन के चतुर्थ दिवस इस मंच की अद्वितीय धनुष यज्ञ,रावण बाणासुर संवाद का मंचन होगा।जिसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं।