रामपथ के कट खोले गए, बैरिकेडिंग बरकरार।
अयोध्या।
अयोध्या मौनी अमावस्या से बंदिशों के बेड़ियों में जकड़ी अयोध्या को अब कुछ राहत मिलने लगी है। रामनगरी में श्रद्धालुओं की भीड़ अब सामान्य हो गई है। इसको देखते हुए अयोध्या धाम में बंदिशों से राहत दी जाने लगी है। शनिवार को रामपथ के सभी कट खोल दिए गए, रोक-टोक भी कम रही। इससे स्थानीय लोगों सहित व्यापारी वर्ग में खुशी का माहौल रहा। शनिवार को रामनगरी के लोग राहत महसूस करते नजर आए, वजह यह रही कि बंदिशों का जाल अब कम होता जा रहा है। शनिवार को रामपथ से जुड़े सभी कट खोल दिए गए, जिससे लोगों को आवागमन में सुविधा मिली। हालांकि, उदया चौराहे से चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध अभी कायम है। चार पहिया वाहनों को उदया चौराहे से परिक्रमा मार्ग की ओर भेजा जा रहा है। वहीं शनिवार को टेढ़ी बाजार चौराहे से रामपथ होते हुए श्रद्धालुओं को राम मंदिर की ओर भेजा गया। इस मार्ग से श्रद्धालु पैदल राम मंदिर की ओर अब जा पा रहे हैं।
अभी तक टेढ़ी बाजार चौराहे से श्रद्धालुओं को राम जन्मभूमि थाने के सामने से अशर्फी भवन की ओर भेजा जाता रहा। शनिवार को इस रास्ते पर श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं रही। श्रद्धालु टेढ़ी बाजार चौराहे से 500 मीटर की दूरी तय कर राम मंदिर के प्रवेश मार्ग तक पहुंच रहे हैं। वहीं रामपथ पर तुलसी उद्यान, छोटी देवकाली, दंतधावन कुंड तिराहा, श्रीराम अस्पताल, हनुमानगढ़ी तिराहा, सब्जी मंडी तिराहा, प्रमोदवन तिराहा का कट खोल दिया गया है। रामपथ से जुड़ी गलियों में लगे बैरियर भी हटा दिए गए हैं। बंदिशों से राहत तो दी गई है लेकिन रामपथ से अभी बैरिकेडिंग नहीं हटाई गई है। श्रीराम अस्पताल से लेकर लता चौक तक रामपथ पर एक छोर पर लोहे की बैरिकेडिंग की गई है तो दूसरे छोर पर बल्लियां बांधी गई हैं। शनिवार को लोग बैरिकेडिंग कूद कर अपने आवास, आश्रम व दुकानों तक आते-जाते रहे।
शनिवार को रामनगरी में यातायात भी सामान्य रहा। वाहनों का दबाव भी घटा है। मेले के दौरान अयोध्या धाम में रोजाना 10 से 15 हजार चार पहिया वाहन आते थे। इसके चलते अयोध्या धाम से सटे इलाकों में दिन भर जाम की स्थिति रहती थी। चूड़ामणि चौराहा, उदया चौराहा, आशिफबाग चौराहा, हलकारा का पुरवा तिराहा, बूथ नंबर चार के पास यातायात सामान्य स्थिति में रहा। महंत विवेक आचारी बताते हैं कि पिछले डेढ़ माह से मंदिर सूना पड़ा हुआ था। मंदिर से जुड़े भक्त व अनुयायी बंदिशों के चलते पहुंच ही नहीं पा रहे थे। कुछ आए भी तो उन्हें करीब 10 से 12 किमी तक पैदल चलना पड़ा। प्रशासन ने डायवर्जन का प्लान ठीक ढंग से नहीं बनाया। स्थानीय लोगों व संत-धर्माचार्यों से राय लेकर डायवर्जन, बैरिकेडिंग करने का प्लान बनाना चाहिए। शनिवार को बंदिशों से राहत मिली तो दुकान खोला है। अब कोई रोक-टोक नहीं है, रामपथ पर विभिन्न स्थलों पर कट खोल दिए गए हैं जिससे लोग पूरब से पश्चिम और पश्चिम से पूरब आ-जा पा रहे है, राहत मिली है।