रामपथ की नीतियों के विरोध में बंद है अयोध्या, भक्तिपथ की दुकानें खुली, रामपथ पर चाय-पानी के लिए भटक रहे श्रद्धालु |
अयोध्या|
अयोध्या रामपथ के चौड़ीकरण की नीतियों को लेकर व्यापारी नेताओं ने आज दुकानें बंद रखी। इनकी मांग है कि मार्ग को 24 फीट की बजाय केवल 20 मीटर चौड़ा किया जाए। मुआवजा भक्ति मार्ग की तरह ही दिया जाए। चौड़ीकरण को लेकर मुख्य बाजार उदया चौराहे से नया घाट तक सभी दुकानें बंद हैं। चाय तक पीने के लिए लोग भटक रहे हैं।
दूसरी ओर भक्तिपथ की अधिकांश दुकानें व्यापारी नेताओं के बार-बार अनुरोध के बावजूद खुली हुई हैं। मंगलवार को हनुमानगढ़ी के प्रसाद विक्रेताओं की दुकानें खुली हैं। भक्त प्रसाद खरीदकर हनुमान जी को चढ़ाने लेकर जाते दिखे। इस क्षेत्र में सिंदूर और धर्म से जुड़ी दुकानें भी पूरी तरह खुली हैं।
घोषित 22 तारीख की बंदी को सफल बनाने के लिए अयोध्या के व्यापारी नेता इस समय सड़क पर निकले हैं। वे रोड पर उतर कर अपने साथी व्यापारियों से बंदी को सफल बनाने में सहयोग मांग रहे हैं। इस दल में पंकज गुप्ता, बृज किशोर गुप्ता किशोर गुप्ता, शक्ति जायसवाल, अश्वनी गुप्ता आनंद, आनंद गुप्ता, नंदू गुप्ता, विनोद श्रीवास्तव, प्रेम सागर मिश्रा, सुपौल चंद्र मौर्या और अचल गुप्ता आदि शामिल हैं।
ज्ञापन में कहा गया है कि रामपथ पर व्यापारियों का मुआवजा बहुत कम दिया जा रहा है, जबकि भक्ति पथ पर दुकानों की चौड़ाई और गहराई नाप कर सर्किल रेट पर डबल मुआवजा दिया गया है। इसी तरह रामपथ पर भी यह मुआवजा दुकानों की चौड़ाई और गहराई नापकर ही दिया जाए।
व्यापारियों ने कहा कि राम पथ पर व्यापारियों की दुकानें पूर्ण विस्थापित हो रही हैं। उनको कहां और किस हिसाब से दुकानें दी जा रही हैं। सरकार द्वारा बनवाए जा रहे काम्प्लैक्स में दुकानों का एलाटमेंट लेटर देने के बाद ही विस्थापित किया जाए।
ज्ञापन में कहा गया है कि वर्तमान व्यवसाय प्रभावित नही हो। इस चौड़ीकरण में व्यापारियों की शेष बची दुकानों को निर्विवाद रूप से निर्माण कराने का आदेश प्रशासन द्वारा मकान मालिक के बीच सामंजस्य स्थापित कराकर दिया जाए। नजूल की जमीन पर पुश्तैनी जो काबिज है उन्हें विस्थापित करने के सरकारी नीति के तहत उनको भूमि के स्वामित्व का अधिकार दिया जाए।