राजकीय शिशु गृह भेजी गई लावारिस मिली, नवजात बच्ची।
अयोध्या।
अयोध्या जिले के बाबा बाजार थाना क्षेत्र के गणेशपुर जंगल तीन दिन पूर्व में लावारिस हाल में मिली नवजात को संरक्षण और देखभाल के लिए, राजकीय शिशु गृह लखनऊ भेजवाया गया है। जिला महिला अस्पताल में उपचार के बाद उसको बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। लावारिस नवजात बालिका के माता-पिता अथवा विधिक संरक्षक की दो माह के भीतर तलाश कराई जाएगी और विधिक संरक्षक के न मिलने पर दत्तक ग्रहण प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
28 मार्च को बाबा बाजार थाना क्षेत्र स्थित गणेशपुर जंगल में एक नवजात बालिका मिली थी। झड़ियों में पड़ी नवजात के शरीर पर चीटियां लिपटी हुई थीं और चीटियों के हमले में नवजात गंभीर हो गई थी, लेकिन उसकी साँसे चल रही थीं। इलाकाई पुलिस की ओर से मामले की जानकारी चाइल्ड लाइन व बाल कल्याण समिति को दिए जाने के बाद समिति ने नवजात को उपचार के लिए चाइल्ड लाइन की महिला पुलिस कर्मी की देखरेख में जिला महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया था। नवजात बालिका के सेहत में सुधार के बाद चाइल्ड लाइन की ओर से नवजात को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समिति के अध्यक्ष सर्वेश अवस्थी ने बताया कि आशंका है कि कोई महिला लोकलाज से बचने के लिए नवजात बालिका को जंगल में लावारिश छोड़ गई।
समिति सदस्य स्मृता तिवारी, सिद्धार्थ तिवारी व लल्लन प्रसाद ने मामले की जानकारी हासिल करने के बाद अभी तक बालिका के किसी विधिक संरक्षक के सामने न आने के चलते नवजात को चाइल्ड लाइन के संरक्षण में राजकीय शिशु गृह लखनऊ भेजवाया है। उन्होंने बताया कि नियम के तहत 60 दिवस तक नवजात के जैविक माता पिता अथवा विधिक संरक्षक के दावे का इंतजार किया जाएगा। इसके बाद पालन-पोषण और संरक्षण के लिए दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।