- यूपी में 18 जिले भीषण बाढ़ की चपेट में, बिजली और पानी का संकट, फसलें तबाह

यूपी में 18 जिले भीषण बाढ़ की चपेट में, बिजली और पानी का संकट, फसलें तबाह

लखनऊ

यूपी में 18 जिले भीषण बाढ़ की चपेट में, बिजली और पानी का संकट, फसलें तबाह|

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लखनऊ|

उत्तर प्रदेश के करीब 18 जिले भीषण बाढ़ की चपेट में है। विगत कई दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है।
1370 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में न बिजली आ रही है और न ही लोगों को साफ पेयजल मिल पा रहा है। कई गांवों का शहरों से संपर्क टूट गया है। राहत सामग्री पहुंचाने में भी दिक्कत आ रही है। बाढ़ के कारण फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। अयोध्या के रामकथा पार्क में भी बाढ़ का पानी भर गया है।
यूपी के बलरामपुर जनपद में लगातार बारिश होने के कारण जिले के सभी प्रमुख सरकारी कार्यालय जलमग्न हो गए हैं। डीएम ऑफिस, एसपी ऑफिस और विकास भवन सभी पानी में डूबे हुए हैं। चारों ओर पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। राप्ती नदी के लगातार बढ़ रहे जल स्तर से दहशत का माहौल है। बाढ़ग्रस्त ग्रामीण इलाकों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। जिला प्रशासन भी खुद को असहाय महसूस कर रहा है।
अयोध्या जनपद में भी एक दर्जन से अधिक गांव भारी बारिश के चलते बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सरयू का जल स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। सरयू नदी विकराल रूप धारण करते हुए खतरे के निशान से 73 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। सरयू का जलस्तर हर घंटे करीब 1 सेंटीमीटर बढ़ रहा है। रुदौली के 2 गांव के 83 परिवार बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। वहीं सोहावल तहसील के एक गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है। हालांकि एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू के लिए तैनात है।
अयोध्या कैंट स्तिथि निर्मल कुंड, गुप्तारघाट, मीरनघाट इलाके में लोगों के घरों में पानी घुस गया है। निर्मलीकुंड में लोगों के घरों में कमर-कमर पानी भर गया। सरयू के घाटों की सीढ़ियां पानी में डूब चुकी हैं। आरती स्थल और श्मशान घाट भी जलमग्न हो चुका है। सरयू का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। श्मशान के पानी में डूबने से लोगों को अंतिम संस्कार में मुश्किलें आ रही हैं। पुलिस घाटों पर लगातार गश्त कर रही है और वहां से लोगों को हटाया जा रहा है।
सरयू नदी मे बाढ़ का एक सबसे बड़ा कारण नेपाल द्वारा पानी छोड़ा जाना है। इस बार भी नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण नदी में तेजी के साथ बढ़ोतरी हो रही है। गिरिजा बैराज से 5 लाख 32 हजार व शारदा से एक लाख 65 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। सोमवार देर शाम नदी का जलस्तर 93.220 मीटर पर पहुंच गया। यह खतरे के निशान 92.730 मीटर से ऊपर पहुंच चुका है।
अयोध्या जिले में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर रुदौली इलाके में देखने को मिल रहा है। ग्रामीण बड़ी मुश्किल से जिंदगी जी रहे हैं। लोगों का कहना है कि बिजली काट दी गई है। मोमबत्ती तक नहीं मिल रही है। हम सड़क पर रहने को मजबूर हैं। रुदौली विधानसभा के 4 गांव अब्बूपुर, सलाहपुर, सलेमपुर, कैथी, कैथी माझा, महंगू का पुरवा, नूरगंज आदि बाढ़ प्रभावित हैं। लोगों को कमर तक के पानी में घुसकर घर जाना पड़ रहा है। चूल्हा, खटिया सब बह गया है। लोग अपने अपने घरों से पलायन होने के लिए मजबूर हैं। अयोध्या में बाढ़ का असर योगी आदित्यनाथ के दौरे पर भी देखा गया। रामकथा पार्क में पानी भर जाने से वहां बने हेलीपेड पर योगी का हेलीकॉप्टर नहीं उतर पाया। बाद में योगी को हवाई अड्डे पर उतरना पड़ा।

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