मुम्बई प्रवास के दौरान विधायक गोरखनाथ बाबा ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से की शिष्टाचार भेंट

अमानीगंज-अयोध्या

IMG 20190925 WA0049 - मुम्बई प्रवास के दौरान विधायक गोरखनाथ बाबा ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से की शिष्टाचार भेंट

  • मुम्बई प्रवास के दौरान विधायक गोरखनाथ बाबा ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से की शिष्टाचार भेंट।
  • अन्ना हजारे को अयोध्या आने का दिया आमंत्रण।
  • अन्ना हजारे के व्यक्तित्व से प्रभावित विधायक ने उनके गांव रालेगढ़ सिद्धि का किया दौरा, देखा विकास का माडल।

अमानीगंज,अयोध्या

  • मिल्कीपुर विधायक गोरखनाथ बाबा ने मुंबई प्रवास के दौरान बुधवार को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से जनपद अहमदनगर स्थित उनके गांव रालेगढ़ सिद्धि में शिष्टाचार भेंट की। उनके साथ उनके निजी सचिव महेश ओझा और वालीवुड अभिनेता नलनीश नील व विकास श्रीवास्तव ने भी श्री हजारे से की मुलाकात।
  • विधायक ने अन्ना हजारे को अयोध्या आने का न्योता भी दिया। विधायक गोरखनाथ बाबा हजारे के व्यक्तित्व व उनके गांव के विकास को देख कर बहुत प्रभावित हुए।
  • विधायक ने मीडिया को बताया कि श्री हजारे से मिलकर बहुत कुछ सीखने को मिला समाजिक, राजनीतिक चिंतन किया । और उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों की फोटो गैलरी का भी अवलोकन किया। श्री हजारे के स्वर्ग के समान गांव को देखकर मन प्रसन्न हो गया।
  • विधायक ने बताया कि हजारे जी के गांव को देखकर मेरे मन में ऐसे ही देश और समाज की कल्पना जाग गई, भावी जीवन में मैं भी उनकी प्रेरणा से ऐसे ही देश व समाज निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हो गया।
  • अन्ना हजारे गांधी जी के ग्राम स्वराज्य को भारत के गाँवों की समृद्धि का माध्यम मानते हैं। उनका मानना है कि ‘बलशाली भारत के लिए गाँवों को अपने पैरों पर खड़ा करना होगा।’ उनके अनुसार विकास का लाभ समान रूप से वितरित न हो पाने का कारण गाँवों को केन्द्र में न रखना रहा।
  • व्यक्ति निर्माण के लिए मूल मन्त्र बताते हुए उन्होंने युवाओं में उत्तम चरित्र, शुद्ध आचार-विचार, निष्कलंक जीवन व त्याग की भावना विकसित करने व निर्भयता को आत्मसात कर आम आदमी की सेवा को आदर्श के रूप में स्वीकार करने का आह्वान किया।
  • 1965 के युद्ध में मौत से साक्षात्कार के बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उन्होंने स्वामी विवेकानंद की एक पुस्तक ‘कॉल टु दि यूथ फॉर नेशन’ खरीदी। इसे पढ़कर उनके मन में भी अपना जीवन समाज को समर्पित करने की इच्छा बलवती हो गई। उन्होंने महात्मा गांधी और विनोबा भावे की पुस्तकें भी पढ़ीं। 1970 में उन्होंने आजीवन अविवाहित रहकर स्वयं को सामाजिक कार्यों के लिए पूर्णतः समर्पित कर देने का संकल्प कर लिया।
  • अन्ना ने गाँव वालों को नहर बनाने और गड्ढे खोदकर बारिश का पानी इकट्ठा करने के लिए प्रेरित किया और स्वयं भी इसमें योगदान दिया। अन्ना के कहने पर गाँव में जगह-जगह पेड़ लगाए गए। गाँव में सौर ऊर्जा और गोबर गैस के जरिए बिजली की सप्लाई की गई। उन्होंने अपनी ज़मीन बच्चों के हॉस्टल के लिए दान कर दी और अपनी पेंशन का सारा पैसा गाँव के विकास के लिए समर्पित कर दिया। वे गाँव के मंदिर में रहते हैं और हॉस्टल में रहने वाले बच्चों के लिए बनने वाला खाना ही खाते हैं। आज गाँव का हर शख्स आत्मनिर्भर है। आस-पड़ोस के गाँवों के लिए भी यहाँ से चारा, दूध आदि जाता है।
  • सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने विधायक गोरखनाथ बाबा के आमंत्रण को स्वीकार करते हुए शीघ्र आयोध्या आने का भरोसा दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *