मार्च के पहले सप्ताह में शुरू होगा सप्त ऋषियों के मंदिर का निर्माण, राममंदिर की बढ़ाएगा खूबसूरती।
अयोध्या।
अयोध्या श्रीराम नगरी में श्रीराम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में बुधवार को अंतिम शिखर बनाए जाने के साथ परिसर में सप्त ऋषियों के मंदिर का निर्माण शुरू करने पर मंथन हुआ। इन कार्यों को मार्च के पहले सप्ताह से शुरू करने की तैयारी है। बैठक से पूर्व समिति के अध्यक्ष ने अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय का निरीक्षण किया।
समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि दो दिवसीय बैठक में मंदिर के प्रथम तल और तृतीय तल पर बचे कार्यों को तत्काल शुरू करने व परकोटे का निर्माण भी समय से पूरा करने के लक्ष्य पर मंथन हुआ है। अगले 15 दिनों में सप्त ऋषियों के मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। एलएनटी और टाटा कंसलटिंग और हमारे सभी ट्रस्ट के लोग एकजुट होकर के प्रयास करेंगे कि मंदिर का निर्माण कार्य को दिसंबर 2024 में पूर्ण हो जाएगा। श्रीरामकथा संग्रहालय का संचालन जल्द शुरू करने की तैयारी है। इसके स्वरूप को लेकर मंथन हो रहा है, फिर ट्रस्ट के समक्ष रखा जाएगा सहमति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।
ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि परिसर के अंदर जो रखरखाव की व्यवस्था होगी उसके लिए एक विश्वस्तरीय एजेंसी चयनित करने की जिम्मेदारी टाटा कसंल्टेंसी को सौंपी गई है। बिजली, पानी, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, लिफ्ट आदि का ऑपरेशन व मेंटनेंस करने वाली कौन सी संस्था होगी, इस पर विचार हुआ।
वहीं रिजर्व बैंक की संस्था मिंट के साथ ट्रस्ट का अनुबंध हुआ है। दान में मिलने वाली सोना-चांदी व अन्य धातुओं के रखरखाव की जिम्मेदारी ट्रस्ट के निर्देशानुसार मिंट को ही करनी है। ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्र ने बताया कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से भी एक अनुबंध बुधवार को हुआ है। परिसर में जितने भी दान काउंटर हैं उसके रखरखाव के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को चुना गया है। बैठक में राममंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, राममंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा, मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव समेत अन्य मौजूद रहे।