बरखा के स्वामी इंद्रदेव के कहर से सारा जनजीवन अस्त-व्यस्त
4 दिनों से निरंतर हो रही बारिश से कच्चे मकान धराशाई
शासन प्रशासन के जारी आदेश के बावजूद भी गांव में अभी तक पात्रों को नहीं मिला आवास
पतवार के छप्पर व बरसाती पन्नी लगाकर जिंदगी जीने को मजबूर पात्र ग्रामीण
✍दिनेश कुमार वैश्य, बाबाबाजार/मवई
मवई थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांव में लगभग 50 से अधिक कच्चे मकान धराशाई हो गए। जिनमें से कुछ गृह स्वामियों को इस बरसात के मौसम में सोने को कौन कहे समुचित बैठने का स्थान भी नहीं बचा इनके समक्ष अब बरसात के स्वामी इंद्र देव के कहर से बचने के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। जानकारी के अनुसार मवई थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत भवानीपुर के मजरा मोहल्ला निवासी रामकिशोर पुत्र धर्मपाल, रामबाबू पुत्र लक्ष्मीनारायण, रजनी पत्नी राकेश कुमार ,शिव कुमार पुत्र राम दुलारे ,पप्पू पुत्र परसराम मौर्य, रिंकू पुत्र सीताराम का कच्चा घर इस बरसात की भेंट चढ़ गया। कोठरी दीवारें सब धराशाई हो गई रजनी पत्ती राकेश की दो बेटियां कच्ची कोठरी छत गिरने से बाल-बाल बची।
इसी क्रम में भवनियापुर निवासी राममिलन पुत्र भाई लाल रैदास, रति पाल पुत्र बाबादीन रैदास का पूरा घर गिर गया है यह पन्नी लगाकर छप्पर रखकर इस बरसात की मार सह रहे हैं। जिन्हें सर छुपाने की कोई व्यवस्था नहीं है इसी क्रम में ग्राम पंचायत भवानीपुर के मजरा बहापुर निवासी तिलक राम पुत्र रामनिवास, रामनाथ पुत्र सुख दीन, शशिकांत पुत्र कल्लू रावत, राजेंद्र कुमार पुत्र नंदलाल, रवि कुमार पुत्र राम उजीरे भवानीपुर मुख्य गांव निवासी रामप्रकाश पुत्र साहेब लाल का कच्चा घर इस तेज बारिश में धराशाई हो गया। जिनके समक्ष तेज बारिश में अपना तथा परिवार की सरपरस्ती करना जटिल समस्या बन गई है।
उल्लेखनीय बात यह है कि तहसील प्रशासन द्वारा बरसात में धराशाई हुए कच्चे मकानों की जायजा लेने तथा सर्वे कराए जाने का कार्य संबंधित हल्का लेखपाल के माध्यम से करा के उन्हें अंशदान दिया जाता है। परंतु यहां भवानीपुर ग्राम पंचायत में जांच व उचित कार्रवाई को कौन कहे किसी भी राजस्व कर्मी द्वारा मौके पर जाकर धराशाई कच्चे ग्रह स्वामी व पीड़ितों से उनकी समस्या की जानकारी लेना कुशल क्षेम जानना उनके दरवाजे पर जाना अपनी तौहीन समझते हैं।
तेज बरसात के कारण कुछ धराशाई गृह स्वामियों, पीड़ितों का हाल जानने के लिए स्वयं नवागत तहसीलदार रुदौली प्रज्ञा सिंह उसके घर पहुंची और पीडि़त की समस्या को सुनकर यथोचित सहयोग दिलाए जाने का आश्वासन दिया।