विधानसभा रुदौली के भाजपा विधायक रामचंद्र यादव के खिलाफ चल रहे जानलेवा हमला समेत अन्य मामलों का मुकदमा वापस लेने का प्रार्थना पत्र अदालत ने निरस्त कर दिया। यह प्रार्थना पत्र इसके पूर्व भी निरस्त हुआ था। जिसे विधायक ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर पुन: प्रार्थना पत्र का निस्तारण करने का आदेश दिया था। अर्जी निरस्त करने के बाद कोर्ट ने विधायक के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। अगली पेशी 20 दिसंबर नियत की गई है।
यह आदेश विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट अशोक कुमार दुबे की अदालत से हुआ है। 24 अक्तूबर 2012 को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के समय लोग प्रतिमाओं का विसर्जन करने मवई थाना क्षेत्र के रेछ घाट ट्रैक्टर ट्रॉली से ले जा रहे थे। अल्हवाना गांव में एक दुर्गा प्रतिमा को खंडित कर दिया गया। इसकी सूचना पर उपद्रव मचा था।
तत्कालीन थानाध्यक्ष ने भाजपा विधायक रामचंद्र यादव, कृष्णानंद यादव, चंद्रप्रकाश मौया, संतोष कुमार, मिथुन समेत 16 लोगों के खिलाफ जानलेवा हमला करने, लोक संपत्ति निवारण अधिनियम व 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी। विवेचना के बाद पुलिस ने सबके खिलाफ बिना गिरफ्तारी किए ही आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत किया था।
आरोप पत्र प्रस्तुत किए जाने के बाद विधायक रामचंद्र यादव का मुकदमा वापस लने के लिए संयुक्त निदेशक अभियोजन व अपर जिला शासकीय अधिवक्ता अरुण प्रकाश तिवारी ने एमपी-एमएलए कोर्ट में आवेदन किया था। जिसे कोर्ट ने 27 अक्तूबर 2021 को निरस्त कर दिया था। इस आदेश को विधायक ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने एमपी-एमएलए कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए मामले में दोनों पक्षों को पुन: सुनकर आदेश पारित करने का आदेश दिया।
इस पर एमपी-एमएलए कोर्ट से वादी को नोटिस दिया गया। दोनों पक्षों के उपस्थित होने पर दोनों तरफ से बहस हुई। बहस सुनने के बाद कोर्ट ने फिर अभियोजन वापसी की अर्जी को खारिज कर दिया। अर्जी खारिज करने के बाद कोर्ट ने विधायक रामचंद्र यादव को गिरफ्तार करके पेश करने के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया है।
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