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बीकापुर तहसील में लेखपाल का कारनामा, भ्रष्टाचार चरम पर

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♦घूस नहीं दी तो गरीब विधवा को बना दिया करोड़पति
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          बीकापुर-अयोध्या

स्थानीय तहसील में भ्रष्ट तंत्र की चौखट पर गरीब के सपने का मजाक उड़ाते हुए एक लेखपाल ने मामूली हैसियत वाली विधवा तारा देवी को करोड़पति बना दिया।
♦मुफलिसी से लड़ रही यह विधवा बेटे को छात्रवृत्ति दिलाना चाहती थी। इसी आस में आय प्रमाणपत्र बनवाने तहसील पहुंचीं। दौड़-भाग के बाद छात्रवृत्ति आवेदन की अंतिम तारीख 30 जुलाई को आय प्रमाणपत्र भी जारी तो हुआ, लेकिन नाराज लेखपाल ने उसकी आय पांच करोड़ सालाना लिख दी। अब विधवा इंसाफ के लिए भटक रही है। सुनवाई न होने पर सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है। उसने लेखपाल पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है।
♦बीकापुर तहसील से जारी पांच करोड़ 20 लाख रुपये का आय प्रमाणपत्र देख छात्र और उसकी विधवा मां तारादेवी के होश फाख्ता हैं। सुविधा शुल्क न देने पर लेखपाल ने ऐसी रिपोर्ट लगाई कि मां-बेटा के होश उड़े हैं। आय प्रमाणपत्र में हुई गड़बड़ी की वजह से वह छात्रवृत्ति के लिए आवेदन नहीं कर सका। प्रमाणपत्र छात्रवृत्ति आवेदन की अंतिम तारीख के दिन 30 जुलाई को जारी किया गया।
♦अब अमित की मां तारादेवी ने न्याय के लिए मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है।
▪मामला उजागर होने के बाद से तहसील प्रशासन में हड़कंप मचा है, हालांकि अब तक लेखपाल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।इससे पहले तहसील क्षेत्र के मानापुर निवासी अमित ने छात्रवृत्ति का आवेदनपत्र भरने के लिए आय प्रमाणपत्र का आवेदन किया था।
♦छात्र की मां तारादेवी का आरोप है कि आवेदन पर रिपोर्ट लगाने के लिए लेखपाल धीरेंद्र प्रताप यादव ने उससे रिश्वत की मांग की। रिश्वत नहीं मिलने पर लेखपाल ने मनमानी रिपोर्ट लगाई। अमित के आय प्रमाणपत्र संख्या 475191013603 में मासिक आय 43 लाख 33 हजार 766 रुपये 67 पैसे व वार्षिक आय पांच करोड़ 20 लाख पांच हजार दो सौ रुपये दर्शायी गई है, जबकि हकीकत यह है कि तारादेवी खेती-बारी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करती हैं।
♦तारादेवी का आरोप है कि लेखपाल ने मनमानी रिपोर्ट लगाई, जिससे पुत्र छात्रवृत्ति से वंचित हो गया। उन्होंने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर लेखपाल की शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है।
▪ इस मसले पर एसडीएम बीकापुर लवकुमार सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। तहसीलदार से इसकी पड़ताल कराई जाएगी।

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