बीकापुर तहसील क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया नागपंचमी त्योहार
बीकापुर तहसील क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया नागपंचमी त्योहार महिलाओं ने नाग देवता को चढ़ाया दूध और लावा, बच्चों ने खेला गुड्डे-गुड़ियों का खेल
बीकापुर तहसील क्षेत्र के कोछाबाजार, मोतीगंज, हैदरगंज, चौरेबाजार, रामपुर भगन, तारुन, नन्सा बाजार, जाना बाजार में नाग पंचमी का पर्व धूम-धाम से मनाया गया।
सुबह से ही घर की महिलाएं रसोई में चहल-कदमी करती दिखीं। बच्चियां गुड्डे-गुड़ियों को बनाने में व्यस्त रहीं तो लड़के ढ़ाक और बेर के डण्डों में रंग भरने में मशगूल रहे।तहसील क्षेत्र के बहुत से गांवों में लड़कियों की टोली नाग देवता को दूध पिलाने निकली तो लगा जैसे पुरानी परम्पराएं फिर से जीवन्त हो रही हैं।
बीकापुर कस्बे में महिलाओं ने सामूहिक रूप से गीत गाकर नाग देवता का पूजा किया। कोछाबाजार, चौरे चंदौली समेत अन्य गांव में बच्चों ने तालाब और पोखरों में गुड्डे-गुड़ियों को पीटकर त्योहार का लुफ्त उठाया।
चौरे बाजार के सागर में भी बच्चे पारंपरिक ढंग से त्योहार मनाते दिखे। महिलाओं ने साँपों के घरौनों के पास दूध, लावा, चना इत्यादि अर्पित कर नाग देवता को प्रसन्न करने के लिये पूजा-अर्चना की। यहां बड़ी संख्या में महिलाओं नाग देवता का सामूहिक पूजन कर सुख- समृद्धि की कामना की।
ग्रामीण इलाकों में लम्बी कूद, ऊँची कूद के अलावा कुश्ती का भी आयोजन किया गया। बताते हैं कि नाग पंचमी के दिन नागों की उपासना का विधान है। मान्यता है नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने पर कुंडली में मौजूद कालसर्प और राहु दोष दूर हो जाता है। इसके अलावा जीवन के सभी पाप भी नष्ट हो जाते हैं। इसीलिए हिंदू धर्म मे इस पर्व को कई वर्षों से हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है।
आधुनिकता के इस दौर में आज भी कुछ त्योहार पुरानी परम्पराओं को संजोकर रखे हुए हैं। जिसमें नाग पंचमी का पर्व भी शामिल है। बताया जाता है कि श्रावण मास के शु्क्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। यह दिन नाग देवता की पूजा के लिए समर्पित होता है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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