बरसाना में लठमार होली क्यों ?

धर्म

बरसाना में लठमार होली क्यों ?

FB IMG 1677861580523 - बरसाना में लठमार होली क्यों ?

(1)जिस समय कंस का अत्याचार बहुत ज्यादा बढ़ गया था बृषभान बाबा गोकुल जाकर नंद बाबा को अपने पास बुला लाए। वहां आकर नंदबाबा ने ब्रज की पहाड़ियों पर नंद गांव बसा लिया और जहां तक भी श्री वृषभानु जी का राज्य था प्रथम तो वहां राक्षस आते नहीं थे और अगर कोई आ जाता था तो श्री जी की कृपा से गोपी भाव में आ जाता था,
(2)बरसाने की लट्ठमार होली संपूर्ण जगत में नारी सशक्तिकरण का अनूठा प्रमाण है। नंदगांव बरसाने की यह प्रेम पगी परंपरा आज भी चली आ रही है। स्वयं श्री कृष्ण ठाकुर जी ने बरसाना व अष्ट सखियों के गांवों की गोपियों को इकट्ठा करके श्री पूर्णमासी प्रोतानि जी की देख-रेख में गोपियों का दल बनाया। पूर्णमासी प्रोतानी ने स्वयं गोपियों को लाठी चलाना सिखाया,
(3) स्वयं श्री ठाकुर जी ने गोपियों को उद्दत करते हुए कहा था कि, हे गोपियों! हम नंद गांव से आएंगे। तुम अगर हमारे ऊपर लाठियों की बौछार कर देती हो तो हम यह मान लेंगे कि हमारी अनुपस्थिति में तुम राक्षसों (कंस के सैनिकों ) को मारकर ढेर कर सकती हो बरसाने की लट्ठमार होली का मूल उद्देश्य यही है,
(4) कैसा देश निगोड़ा जग होरी और बृज में होरा,
बरसाना की होरी वैसे ही होरा नहीं है।

फागुन में रसिया घरवारी, ब्रज बरसाना में ग्वाल बाल रसिया नहीं होते हैं। होरी में ब्रज की गोपी ही सही मायने में रसिया होती है

राधे राधे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *