प्रशासन ने योगी मंदिर से उठाई मूर्ति, चाचा के शिकायत के बाद प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, प्रभाकर मौर्य फरार|
अयोध्या|
जिले के थाना पूराकलंदर क्षेत्र स्थित मौर्य का पुरवा में योगी आदित्यनाथ का मंदिर से प्रशासन ने योगी आदित्यनाथ की मूर्ति हटा लिया है।
ग्रामीणों का कहना है कि रविवार दोपहर आयी टीम ने मंदिर से मूर्ति को हटाकर अपने साथ ले गई है। साथ ही मंदिर में ताला लगा दिया है। हालांकि प्रशासन के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। प्रभाकर मौर्य के चाचा राम नाथ मौर्य के आरोप और मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने एसडीएम सोहावल को मामले की जांच सौंपी थी। एसडीएम सोहावल मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कानूनगो को पूरे मामले की जांच के आदेश दिया था। रविवार राजस्व विभाग और पुलिस की टीम मौर्य का पुरवा पहुंची। लेकिन बारिश के कारण माफ नहीं हुआ। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने मंदिर से मूर्ति हटा दिया था।
अयोध्या सीओ राजेश तिवारी ने बताया कि प्रभाकर का मोबाइल नंबर शनिवार से बंद आ रहा है। और वह गांव में भी नहीं मिला। वहीं दूसरी ओर मूर्ति बनाने वाले बाराबंकी के सुमित ने प्रभाकर पर आरोप लगाते हुए कहा कि मूर्ति उन्होंने बनाई है ना कि राजस्थान से बनवाई गई। मूर्ति बनाने में कुल 22000 का खर्च आया है।
विवाद बढ़ता देख अयोध्या प्रशासन ने मंदिर से मूर्ति हटा लिया है। ग्रामीणों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि प्रशासन ने मंदिर से मूर्ति हटाई है। भास्कर के पास ग्रामीणों द्वारा कही गई बात को लेकर साक्ष्य भी उपलब्ध है। ग्रामीणों के अनुसार प्रशासन की टीम दोपहर 11 बजे के आसपास गांव पहुंची थी। इसके बाद बारिश शुरू हो गई। इस दौरान पुलिस और अधिकारियों ने मूर्ति को गाड़ी में रखकर और मंदिर में ताला लगाकर चले गए।
अयोध्या सीओ राजेश तिवारी ने कहा कि टीम मौके पर पैमाइस के लिए गई थी, लेकिन बारिश शुरू हो गई, जिसके बाद टीम वापस आ गई। सीओ ने बताया कि मूर्ति मंदिर में स्थापित है। उसे नहीं हटाया गया है। सोशल मीडिया पर चल रही खबर झूठी है।
योगी के मंदिर की खबर चलने के बाद बाराबंकी के सुमित ने मंदिर बनवाने वाले प्रभाकर मौर्य पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह मूर्ति उन्होंने बाराबंकी में बनाई है ना कि इसे राजस्थान से बनाया गया है। मूर्ति 22000 में तैयार की गई है। सुमित ने यह कहते हुए मना कर दिया था कि म्यूरल आर्ट का जानकार है। मूर्ति नहीं बना पाएंगे, लेकिन प्रभाकर लगातार सुमित को मूर्ति बनाने के लिए प्रोत्साहित करते रहे। इसके बाद सुमित ने 28 अप्रैल को मूर्ति बनाने का काम शुरू किया। मिट्टी और पीओपी से बनाने के बाद फाइबर से ढालकर तकरीबन दो माह में मूर्ति तैयार कर दी।
आरोप है कि लागत के 22 हजार रुपये सुमित को मिले थे, जबकि 10 हजार रुपये मेहनताना अब भी बाकी है। सुमित ने बताया कि प्रभाकर ने कहा था कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आपकी मुलाकात करें।
सुमित ने फोन पर बताया की मूर्ति 1 महीने में तैयार हुई। मूर्ति के ऊपर कलयुग का राम लिखा था। इसे मूर्ति को थ्रीडी टच भी दिया था। उन्होंने बताया कि गांव में मूर्ति सेट करते समय फ्रेम ठीक से सेट नहीं हो रहा था, जिसके बाद उसे काटा गया, जिस पर लिखा था कलयुग का राम। मूर्ति 5 फ़ीट 4 इंच की है। उन्होंने बताया कि मूर्ति तैयार करने के बाद प्रभाकर अपनी सफारी कार से आये थे। हम लोग मूर्ति को कार में पीछे डालकर अयोध्या में प्रभाकर के गांव ले गए थे।
बाराबंकी के नवाबगंज तहसील के एक छोटे से गांव के रहने वाले सुमित ने बताया कि वह लखनऊ विश्वविद्यालय में बीएफए का छात्र था, लेकिन अपने काम के चलते पढ़ाई छोड़ दिया। उसने बताया कि अयोध्या के एक संत को उनका पोर्ट्रेट बनाकर दिया था। संत ने उसे फेसबुक पर डालकर लोगों से मुझसे ही पोर्ट्रेट बनवाने की अपील की थी। इसके बाद अयोध्या के थाना पूराकलंदर क्षेत्र स्थित मौर्य का पुरवा निवासी प्रभाकर मौर्य ने उनसे संपर्क किया था। सुमित के अनुसार तकरीबन एक वर्ष पहले प्रभाकर ने उनसे योगी की मूर्ति बनाने को कहा था।
सुमित ने प्रभाकर पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रभाकर ने राजस्थान से 49 हजार में मूर्ति बनवाने का दावा झूठा है। इससे पहले चाचा ने आरोप लगाया था कि मंदिर जिस जमीन पर बनी है वह जमीन सरकारी है। इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र भी भेजा था।