images 1 9 - प्रवेश पाल हत्याकांड में प्रेमी और उसके मित्र को आजीवन कारावास, लगा इतने का जुर्माना।

प्रवेश पाल हत्याकांड में प्रेमी और उसके मित्र को आजीवन कारावास, लगा इतने का जुर्माना।

अयोध्या उत्तर प्रदेश

प्रवेश पाल हत्याकांड में प्रेमी और उसके मित्र को आजीवन कारावास, लगा इतने का जुर्माना।

images 1 9 - प्रवेश पाल हत्याकांड में प्रेमी और उसके मित्र को आजीवन कारावास, लगा इतने का जुर्माना।

अयोध्या।

अयोध्या महाराजगंज थाना क्षेत्र के प्रवेश पाल हत्याकांड में कोर्ट ने दोषी पाते हुए, राम बिहारी (उर्फ) मनीष तथा उसके साथ हत्या को अंजाम देने वाले अकरम को आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई। दोनों पर 1 लाख 25 हजार जुर्माना भी हुआ है। जुर्माने की संपूर्ण रकम में से 50 फ़ीसदी मृतक के परिवार को देने का आदेश हुआ है। यह आदेश बुधवार को जिला जज रणंजय वर्मा की अदालत से हुआ।

जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुभाष चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि महाराजगंज थाना क्षेत्र के अलना भारी गांव के भरत लाल का लड़का प्रवेश पाल 1 जून 2018 को तीन बजे दिन में सब्जी खरीदने के लिए अपने बाइक से बाहर गया। रात 9:00 बजे तक वापस नहीं लौटा तो उसे फोन किया, तो बताया कि अपने दोस्त के घर बैठे हैं, मुर्गा बन रहा है, खाकर लौटेंगे। इसके बाद फिर फोन करने पर फोन का स्विच ऑफ हो गया। दो दिन तक कोई पता न लगने पर महाराजगंज थाने में गुमशुदगी दर्ज हुई। 3 जून 2018 को कृष्णा चौहान निवासी अशोक पुर माझा थाना दुबौलिया जिला बस्ती ने एक लाश जमीन में गड़ी होने की सूचना वादी के मोबाइल पर दी। वादी और उसके गांव के अन्य लोग वहां पहुंचे और लाश खोदकर उसकी अपने पुत्र की लाश के रूप में पहचान की। इसके बाद पुलिस ने राम बिहारी निवासी रतनपुर पड़ौआ को गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर मृतक की बाइक बरामद की। उसी के बयान के आधार पर अकरम निवासी रतनपुर तकिया थाना महाराजगंज को भी अभियुक्त बनाया और उसे पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर घटना में प्रयुक्त चाकू बरामद किया।

घटना के पीछे कारण यह था कि अंबेडकर नगर के थाना अहिरौली के एक गांव की रहने वाली चंपा बदला हुआ नाम से प्रवेश पाल का प्रेम संबंध था। घटना के लगभग 3 महीने पहले अभियुक्त राम बिहारी उर्फ मनीष भी चंपा से बातचीत करने लगा। चंपा से नजदीकी बढ़ाने के लिए घटना वाले दिन अपने मित्र अकरम के साथ मिलकर प्रवेश पाल को दिलासीगंज बाजार के रास्ते उनियार घाट से नदी पार करके विशेश्वरगंज ले गया और शराब तथा ठंडा खरीदा। स्प्राइट की बोतल में शराब मिलाकर पिला दिया। जब वह नशे में हो गया, तो चाकू से उसका गला रेतकर हत्या कर दी और लाश को माझा नदी के किनारे दफना दिया।

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