पुलवामा अटैक: ‘बैन्डिट क्वीन किलर’ शेर सिंह राणा ने कहा, मसूद अजहर की करूंगा हत्या

लखनऊ

PicsArt 02 23 08.40.55 - पुलवामा अटैक: 'बैन्डिट क्वीन किलर' शेर सिंह राणा ने कहा, मसूद अजहर की करूंगा हत्या

पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद ‘बैन्डिट क्वीन’ यानी फूलन देवी की हत्या के दोषी शेर सिंह राणा ने पाकिस्तान के प्रति नाराजगी जताई है। शेर सिंह राणा ने कहा है कि यदि सरकार उनकी थोड़ी सी मदद कर दे तो वह अपने साथियों के साथ पाकिस्तान जाकर मसूद अजहर को ठिकाने लगा देंगे।

■ शेर सिंह राणा ने कहा, सरकार करे थोड़ी मदद तो पाकिस्तान जाकर मसूद अजहर की करूंगा हत्या

■ राणा का दावा, अफजल गुरु को फांसी देने के लिए नहीं मिल रहा था जल्लाद, डीजी को लिखा था खत

■ खत लिखकर शेर सिंह राणा ने कहा था, इजाजत दें तो मैं अफजल गुरु को फांसी पर लटका दूंगा

■ तिहाड़ से फरार होकर अफगानिस्तान गया और सम्राट पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां लेकर लौटा: राणा

लखनऊ।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर है। आतंकी हमले को लेकर देशभर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। ‘बैन्डिट क्वीन’ के नाम से चर्चित फूलनदेवी की हत्या के मामले में दोषी और राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी (आरजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेर सिंह राणा ने कहा कि यदि सरकार उनकी थोड़ी सी मदद कर दे तो वह अपने साथियों के साथ पाकिस्तान में दाखिल होकर हाफिज सईद, मसूद अजहर को ठिकाने लगा देंगे। बता दें कि कथित तौर पर शेर सिंह राणा 2004 में तिहाड़ जेल से फरार होकर अफगानिस्तान भी गए थे। 

आरजेपी चीफ शेर सिंह राणा ने कहा, ‘मैं तिहाड़ जेल से फरार होकर वर्ष 2004 में अफगानिस्तान गया था और वहां से अपने आखिरी भारतीय सम्राट पृथ्वीराज चौहानजी की अस्थियां लेकर लौटा था। यदि आज भी सरकार मेरी थोड़ी सी सहायता कर दे तो मेरा आपसे वादा है कि चाहे हाफिज सईद हो या मसूद अजहर हो या फिर दाऊद इब्राहिम, मैं उनकी हत्या कर दूंगा क्योंकि उन्हें पकड़कर लाना संभव नहीं है। मैं उनको ठिकाने जरूर लगा दूंगा।’

‘पाकिस्तान के खिलाफ सरकार मेरा करे इस्तेमाल’

राणा ने कहा, ‘मैंने तिहाड़ जेल में 13 वर्ष के आसपास का समय बिताया है। बहुत सारे नहीं बल्कि ज्यादातर आतंकवादी मेरे साथ रहे हैं। अफजल गुरु को मेरे सामने ही जेल नंबर तीन में फांसी दी गई थी। जब तिहाड़ जेलवालों को अफजल गुरु को फांसी पर लटकाने के लिए कोई जल्लाद नहीं मिल रहा था तब मैंने डीजी साहब को लेटर लिखा था। मैंने उनसे कहा था कि अफजल गुरु को फांसी मैं अपने हाथ से देने के लिए तैयार हूं। शेर सिंह राणा की यह अपील है कि यदि सरकार चाहे तो पाकिस्तान में हमले के लिए मेरा इस्तेमाल कर सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *