पीजीआई लखनऊ अग्निकांड में एक और मरीज की मौत, अब तक तीन जान गई, अस्पताल के मॉनिटर से फैली थी आग।
लखनऊ।
पीजीआई लखनऊ के ऑपरेशन थिएटर में सोमवार को भीषण आग लगने से 25 दिन के नवजात, 10 वर्षीय बच्चे और एक महिला की मौत हो गई। आग लगी तो महिला का ऑपरेशन कर रहे डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी उसे छोड़कर भाग निकले। अग्निशमन कर्मियों ने महिला का झुलसा शव बाहर निकाला। दमकल की आधा दर्जन गाड़ियों ने करीब दो घंटे में आग पर काबू पाया। आग लगने के बाद ओटी कॉप्लेक्स, आईसीयू और सीसीएम में धुआं भरने से दम घुटने लगा। ओटी में मौजूद 30 से अधिक डॉक्टर, रेजिडेंट, नर्स और दूसरे कर्मचारी पहले ही भाग निकले थे। इस बीच पोस्ट ऑपरेशन आईसीयू, क्रिटिकल केयर मेडिसन (सीसीएम) में भर्ती दो दर्जन मरीजों को दूसरे वार्डों में शिफ्ट किया गया।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने घटना को दुखद बताते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिया। वहीं, चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने संस्थान निदेशक से घटना की जानकारी ली।
एसजीपीजीआई के पुराने ओटी कॉम्पलेक्स में पहले 17 ओटी चलती थी। अब केवल तीन ओटी चलती हैं। इंडोग्राइन सर्जरी विभाग की ओटी में सोमवार को पीलीभीत की 26 साल की तयबा और दूसरी ओटी में गाजीपुर की रहने वाली नेहा के 25 दिन के बच्चे की हार्ट सर्जरी चल रही थी। दोपहर करीब 12:40 बजे मॉनिटर में चिंगारी निकलने से आग लग गई। जब तक मौजूद कर्मचारी कुछ समझ पाते, ओटी में तेज धमाके होने लगे। देखते-देखते कुछ ही मिनटों में आग कमरे में फैल गई। जान बचाने के लिए डॉक्टर-कर्मचारी मरीज को ओटी में ही छोड़कर भाग निकले।
एनीस्थीसिया डोज की वजह से दोनों मरीज बेहोश थे। आग के चलते महिला की ओटी में ही झुलसकर मौत हो गई, जबकि बच्चे को जैसे-तैसे निकालकर डायलिसिस यूनिट के आईसीयू में पहुंचाया गया, फिर भी उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। वहीं क्रिटिकल केयर मेडिसिन (सीसीएम) में भर्ती सोनभद्र के 10 साल के गौरव पांडे की धुएं के कारण दम घुटने से मौत हो गई। आनन-फानन पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड, आईसीयू और आस-पास भर्ती अन्य मरीजों को दूसरे विभागों में शिफ्ट कर सुरक्षित किया गया।
पीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमन का कहना है कि ओटी में मॉनीटर की स्पार्क से आग लगी थी। कुछ ही देर में आग वर्क स्टेशन और ओटी में फैल गई। फायर सिस्टम सक्रिय किया गया। मरीजों को पोस्ट क्रिएटिव यूनिट में शिफ्ट कराया गया। ओटी में सर्जरी के लिए ले जाई गई महिला को नहीं बचाया गया। बच्चे को बचाने की नाकाम कोशिश हुई। घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।