पालिका की जमीन पर बने भाजयुमो कार्यालय पर चला बुलडोजर।
सुल्तानपुर।
सुल्तानपुर जिले में सीएचसी जयसिंहपुर के संविदा चिकित्सक डॉक्टर घनश्याम तिवारी की नृशंस हत्याकांड में राजनीतिक दबाव के बाद जिला प्रशासन ने कार्रवाई के लिए कदम तेज कर दिए हैं। मर्डर केस के मुख्य आरोपी व उसके परिवार के कब्जे करीब चार करोड़ रुपये की जमीनों पर बुलडोजर चलाकर मुक्त कराया गया। इसमें भारतीय जनता युवा मोर्चा का कार्यालय पर ढहाया गया है। डीएम जसजीत कौर ने कहा कि मुख्य आरोपी अजय नारायण ने जिस जमीन पर डॉक्टर को कब्जा नहीं दे रहा था उसे डाक्टर के परिवार को दिला दिया गया है।
लंभुआ थाने के सखौली कला गांव के मूल निवासी 56 वर्षीय डॉ. घनश्याम त्रिपाठी शनिवार शाम लगभग चार बजे ड्यूटी से कोतवाली नगर के शास्त्रीनगर स्थित अपने वर्तमान आवास पहुंचे थे। पत्नी नीता त्रिपाठी के अनुसार उन्होंने बताया कि उन्हें नारायणपुर निवासी अजय नारायण सिंह ने बुलाया है। चिकित्सक की हत्या मामले में अजय नारायण सिंह व दो अज्ञात पर हत्या का केस कोतवाली नगर में दर्ज किया गया। मुख्य अभियुक्त अजय नारायण सिंह भाजयुमो जिलाध्यक्ष चंदन नारायण सिंह को चेचेरा भाई है और पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा गिरीश नारायण सिंह बब्बन का भतीजा है। इस मामले को सत्ता पक्ष के नेताओं के साथ समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, आप सांसद संजय सिंह समेत कईयों ने उठाते हुए प्रदेश सरकार को ही कटघरे में खड़ा किया।
जिस पर सोमवार को दोपहर बाद बड़ी संख्या में पुलिस व पीएसी बल के साथ एडीएम प्रशासन पंकज सिंह के नेतृत्व में एक टीम निकली। सबसे पहले पयागीपुर स्थित 400केवी के अतिथि गृह पर सभी इकट्ठा हुए। यहां तीन बुलडोजर व पालिका के ट्रैक्टर व दो दर्जन से अधिक कर्मचारी भी पहुंचे। हाइवे किनारे पालिका की जमीन पर कब्जा कर बनाए गए भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यालय पर बुलडोजर गरजा। यहां से निकलकर नरायनपुर गांव में मुख्य अभियुक्त अजय नारायण सिंह की ओर से नलकूप विभाग की जमीन को कब्जा कर बनाए गए अहाते को जेसीबी से ध्वस्त कराया गया। फिर शास्त्रीनगर स्थित जिस जमीन के विवाद में चिकित्सक की हत्या की गई वहां पर कब्जा हटवाते हुए पीड़ित परिवार को दिलाया गया।