रुदौली, अयोध्या
विकास खंड रुदौली क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह राम भरोसे चल रही है।प्रदेश सरकार चाहे जितना जतन करले लेकिन क्षेत्र में संचालित प्राथमिक विद्यालय व जुनियर हाईस्कूल के विद्यालयों में अभी तक शैक्षणिक माहौल नहीं सुधर सका हैविद्यालयों के ताले अभी देरी से ही खुल रहे हैं।और छात्रों की पढ़ाई भी देरी से शुरू होती है इन विद्यालयों में सात महीना बीतने के बाद भी कोई सुधार नज़र नहीं आ रहा है और शिक्षा राम भरोसे चल रही है।इसके बाद भी सम्बंधित विभाग के अधिकारी आराम की नींद सो रहे हैं। यह हाल शिक्षा क्षेत्र रूदौली के बिदलयो का है।जहां शिक्षा पर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के दावों की पोल खोलते नजर आए कई ऐसे विद्यालय हैं जहां धरातल पर कुछ दिखाई ही नहीं पड़ रहा है। आज रुदौली के कई ऐसे विद्यालय में सरकार की महत्वपूर्ण कायाकल्प जैसी योजना का कहीं नामोनिशान नहीं दिखा। कहीं पर दिखा भी तो सिर्फ खाना पूर्ति अध्यापक अपना अपना रोना रोते दिखे बच्चे बाउंड्री वॉल न होने के कारण बाहर निकल कर सड़क पर खेलते दिखे।
यह है प्राथमिक विद्यालय रहीम गंज का जहा की हेड मास्टर ड्यूटी पीरियड से नदारद दिखी और तो और उनकी असिस्टेंट अध्यापिका ने बताया मैम आज एमडीएम रजिस्टर कंप्लीट कराने बीआरसी गई हुई है जब बीआरसी कार्यालय में बात की गई तब वहां पता चला एमडीएम रजिस्टर महीने के आखिरी तारीख को कंप्लीट किया जाता है। और उनकी कार्यालय आने की कोई सूचना नहीं है।
इसी विद्यालय की रसोईयाँ चूल्हे पर खाना बनाती दिखी और विद्यालय परिसर के चारों तरफ गंदगी का अंबार भठा पड़ा मिला। दूसरा मामला है प्राथमिक विद्यालय हलीम नगर का जिसमें 2 शिक्षा मित्र को लेकर कुल 5 अध्यापक की तैनाती है लेकिन मौके पर आज स्कूल टाइम पर 2 शिक्षा मित्र के अलावा एक भी अध्यापक उपस्थित नहीं थे पूछने पर पता चला आज डायट में काउंसलिंग चल रही है सभी वहाँ पर है।
और इस विद्यालय में जो सबसे मुख्य समस्या देखने को मिली दीवारों पर खानापूर्ति के नाम पर सिर्फ पुट्टी कराई गई है लेकिन छत पर गंदगी का अंबार जमा होने से पानी का रिसाव हर एक कमरे में चारों तरफ दिखा। तीसरा मामला प्राथमिक विद्यालय ऐथर व उच्च प्राथमिक विद्यालय खैरी का है। जो 2 ग्राम प्रधानों के बीच विद्यालय की नैया फसी हुई है। विद्यालय में बाउंड्री वाल ना होने के कारण बच्चे रोड पर खेलते दिखे। और चौथा मामला प्रार्थमिक विद्यालय हरौरा गुजरान का है जहाँ पर विद्यालय परिसर के बाहर व अंदर जलभराव दिखा और कायाकल्प का कार्य वहां पर देखने को भी नहीं मिला अधूरे शौचालय के साथ साथ वहां के जिम्मेदार अध्यापकों से पूछने पर बताया गया ग्राम प्रधान कहते हैं सरकारी खाते में पैसा नहीं है जब आयेगा तब कार्य करवा देंगे।
जलभराव से नौनिहालों का स्वांस लेना भी दुर्लभ हो रहा। और पांचवा व बड़ा मामला जो देखने को मिला प्राथमिक विद्यालय पस्ता माफी का जहाँ पर विद्यालय बंद होने का समय 1:00 बजे का है लेकिन इस विद्यालय पर मीडिया टीम के पहुंचने पर समयावधि के पूर्व ही ताला लटकता नजर आया। तत्काल एबीएसए रुदौली यज्ञ्य नरायण वर्मा से वार्ता की गई उन्होने बताया किसी भी तरह की कोई कोताही बर्दाश्त नही की जायेगी इस सम्पूर्ण मामले में शख्त से शख्त कार्यवाही की जायेगी।