images 2 - नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा, अदालत के आदेश पर दर्ज हुआ मामला।

नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा, अदालत के आदेश पर दर्ज हुआ मामला।

अयोध्या उत्तर प्रदेश

नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा, अदालत के आदेश पर दर्ज हुआ मामला।

images 2 - नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा, अदालत के आदेश पर दर्ज हुआ मामला।

अयोध्या।

अयोध्या जिले नौकरी दिलाने के नाम पर दो बार फर्जीवाड़े का शिकार हुए पीड़ित ने अदालत के माध्यम से दो लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोप है की पहले दूरसंचार विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की गई और फिर सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया। शिकायत और रकम वापस मांगने पर अभद्रता की गई और धमकी दी गई।

कैंट थाना क्षेत्र के मऊयदुवंशपुर निवासी रंजीत सिंह का कहना है कि पियूष श्रीवास्तव निवासी देवरिया खास मकान नंबर 267 जिला देवरिया और नरेन्द्र पाण्डेय निवासी निराला नगर कोतवाली नगर ने उसको दूरसंचार विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी आवेदन कराया और फिर नियुक्ति के लिए सिक्योरिटी मनी के नाम पर ढाई लाख रुपये ले लिए। वह ज्वाइनिंग के लिए दूरसंचार कार्यालय पहुंचा, तो पता चला कि विभाग ने कोई नियुक्ति ही नहीं निकाली है।

मामले की शिकायत की गई तो दोनों ने सचिवालय प्रशासन विभाग में नौकरी लगवाने का झांसा दिया और फिर से फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया। सचिवालय कार्यालय पहुंचने पर फर्जीवाड़ा की जानकारी हुई।

रंजीत का कहना है कि फर्जीवाड़े व ठगी की शिकायत पुलिस से करने को कहा तो दोनों ने रकम वापस लौटने की बात कही और दो लाख 40 हजार का आर्यावर्त ग्रामीण बैंक गुडम्बा शाखा लखनऊ का चेक थमा दिया,जो बाद में फर्जी निकला। काफी दिन हीलाहवाली करने के बाद उसने सितंबर 2021 में रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई के लिए शिकायत कैण्ट थाना पुलिस को दी।

पुलिस के सामने पियूष श्रीवास्तव ने लिखित समझौता किया तथा नरेन्द्र पाण्डेय के खाते से 25 हजार रुपये दिया और शेष रकम के भुगतान के लिए एक चेक थमा दिया, बैंक में लगाने पर चेक बाउन्स हो गया। पींड़ित ने बकाया रकम वापसी के लिए दबाव बनाया, तो उसके साथ फिर से अभद्रता की गई और जान से मार डालने की धमकी दी गई।

एसएसपी से शिकायत के बाद रिपोर्ट न दर्ज होने पर अदालत का सहारा लेना पड़ा। कैंट थाना प्रभारी अमरेंद्र बहदुर सिंह का कहना है कि अदालत के आदेश पर दो के खिलाफ गबन, धोखाधड़ी, कूटरचना की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना शुरू कराई गई है।

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