images - धूमधाम से मनाया गया अन्नकूट महोत्सव, 56 भोग से हुआ श्रीरामलला का अभिनंदन।

धूमधाम से मनाया गया अन्नकूट महोत्सव, 56 भोग से हुआ श्रीरामलला का अभिनंदन।

अयोध्या उत्तर प्रदेश

धूमधाम से मनाया गया अन्नकूट महोत्सव, 56 भोग से हुआ श्रीरामलला का अभिनंदन।

images - धूमधाम से मनाया गया अन्नकूट महोत्सव, 56 भोग से हुआ श्रीरामलला का अभिनंदन।

अयोध्या।

अयोध्या श्रीरामनगरी में शनिवार को श्रीराम के लंका विजय कर लौटने की खुशी में अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। भगवान को श्रीरामनगरी के हजारों मंदिरों में 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया। इस दौरान भक्तों की भीड़ और जयकारे से रामनगरी उत्साहित दिखी। श्रीराम जन्मभूमि में विराजमान श्रीरामलला को छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाकर भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। कर्नाटक के श्रद्धालुओं ने अपने हाथों से भोग बनाकर श्रीरामलला को समर्पित किया।

 मान्यता है कि 14 साल वनवास और लंका विजय के दौरान भगवान राजकीय सुख-सुविधा से सर्वथा दूर रहे। इसलिए अयोध्या आने पर उन्हें वैभव प्रदान करने में कोई कसर न छोड़ी जाए, इसी भाव के अनुरूप रामनगरी के हजारों मठ-मंदिरों में भगवान को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया।

अशर्फी भवन में विभिन्न प्रकार के अनुष्ठानों के मध्य भगवान लक्ष्मी नारायण को 56 प्रकार के व्यंजनों को भोग अर्पित किया गया। इस अवसर पर जेवनार गायन भी हुआ। श्रीधराचार्य ने कहा कि श्रीराम के अयोध्या लौटने की खुशी में उन्हें तरह-तरह के पकवान खिलाए गए, उनके प्रति श्रद्धा अर्पित करने की होड़ थी, रामायण युग की यह परंपरा आज भी प्रवाहमान है।

 हरिधाम गोपाल पीठ में जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य ने कहा कि अन्नकूट का उत्सव प्रभु से समीपता का अहसास कराता है। यहां विराजमान भगवान को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया। यहां एडीएम सिटी सलिल पटेल, एडीएम सिटी मधुबन सिंह, एडीएम एलओ अनिरुद्ध सिंह, श्रीराम अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी वाईपी सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।

इसी तरह सियाराम किला झुनकी घाट में महंत करुणानिधान शरण की अध्यक्षता में विभिन्न अनुष्ठानों के मध्य भगवान को 56 व्यंजनों का भोग लगाकर भक्तों को प्रसाद बांटा गया। पूर्व सांसद लल्लू सिंह, विहिप के शरद शर्मा सहित बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ रही। दशरथ महल, कनक भवन, मणिरामदास की छावनी, लक्ष्मण किला, श्रीरामबल्लभाकुंज, बिड़ला धर्मशाला, तिवारी मंदिर, नाका हनुमान गढ़ी सहित अन्य मंदिरों में अन्नकूट महोत्सव की परंपरा भव्यता पूर्वक निभाई गई।

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