धनपतगंज में ब्लॉक प्रमुख के लिए वोटिंग शुरू,भद्र ब्रदर्स के आगे किला बचाने की चुनौती, भाजपा प्रत्याशी के लिए पार्टी ने झोंकी ताकत।
सुलतानपुर।
सुलतानपुर जिले के धनपतगंज ब्लॉक पर प्रमुख पद का चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। 10 बजे से 3 बजे तक मतदान होगा। इसके बाद मतगणना, शाम तक परिणाम घोषित होगा। जिला प्रशासन ने विजय जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगाया। भाजपा समर्थित उम्मीदवार पार्वती देवी और सपा समर्थित उम्मीदवार ऊषा सिंह के बीच मुकाबला मना जा रहा है। अब त क इस ब्लॉक पर रहा है ‘भद्र परिवार’ का कब्जा। सुलतानपुर का धनपतगंज क्षेत्र किसी पहचान का मोहताज नहीं। मायंग हो या धनपतगंज इस क्षेत्र का नाम लेते ही भद्र बदर्स सोनू-मोनू का चेहरा सामने आ जाता है। उनके अपने क्षेत्र में आज धनपतगंज ब्लॉक प्रमुख के लिए वोटिंग होगी। सपा से सोनू-मोनू की मां पूर्व ब्लॉक प्रमुख ऊषा सिंह तो भाजपा से पार्वती सरोज मैदान में हैं। कुल 81 क्षेत्र पंचायत सदस्य मत डालेंगे, इनमें 41 मत जिस ओर गए उसके सिर जीत का सेहरा बंध जाएगा। पूर्व ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह को हाल में ही एक मामले में दो वर्ष की सजा होने के बाद शासन ने उनको प्रमुख पद से हटा दिया था। तब से यह पद रिक्त रहा, रविवार को भाजपा ने पार्वती रोज और सोमवार को सपा ने ऊषा सिंह को अपने अपने उम्मीदवार के रुप में उतारा। मंगलवार को ब्लॉक पर ही दोनों ने अपने अपने पर्चे भरे। इस बीच शासन-सत्ता का पूरा इस्तेमाल हुआ। बीडीसी को मैनेज करने के लिए अधिकारी और पुलिस तक लगाए गए, जैसा की पूर्व प्रमुख ने आरोप लगाया है।
आजादी के बाद से धनपतगंज ब्लॉक प्रमुख का पद भद्र परिवार के ही इर्द गिर्द रहा। आजादी के बाद से 1984 तक ये पद भद्र बन्धुओ के बाबा शारदा प्रसाद सिंह के पास रहा। 1988 में पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू व पूर्व ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू के पिता पूर्व विधायक स्व. इंद्रभद्र सिंह धनपतगंज केब्लॉक प्रमुख चुने गए थे, लेकिन अगले वर्ष 1989 में वे विधायक चुने गए तो पद रिक्त हुआ। वर्ष 2021 में प्रमुख पद का चुनाव हुआ जहां यशभद्र सिंह ने दावेदारी ठोकी। भाजपा की ओर से अमित कुमार का नाम आया लेकिन अंतिम समय में उन्होंने नामांकन किया ही नहीं। ऐसे में यशभद्र सिंह निर्विरोध प्रमुख बन गए। यह बात उनके धुर विरोधी विधायक को अखर गई। इसी दौरान 2023 में एक केस में यशभद्र सिंह आदि को MP/MLA कोर्ट से दो साल की सजा हो गई। शासन ने इस मामले में मोनू को पद से हटा दिया। अब 22 अगस्त को चुनाव तय है। सपा प्रत्याशी ऊषा सिंह 2000 से 2006 तक प्रमुख रही हैं।