▪सुरेन्द्र सिंह
बीकापुर अयोध्या
अयोध्या जिले का एकमात्र उर्वरक का कारखाना विगत दो दशक से उद्योगपतियों की बिमुखता और लाइसेंस ना मिल सकने की विवशता तथा जिले के चुने गए जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते बंद पड़ा है। जिससे क्षेत्र के हजारों लोग बेरोजगार हो गए। तथा क्षेत्र में विकास की गति मंद पड़ गई है।
👉🏻 जिले के विकासखंड बीकापुर तहसील मुख्यालय से महज 11 किलोमीटर की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग अयोध्या प्रयागराज के किनारे ग्राम पंचायत मंगारी में स्थित करीब 30 एकड़ में फैली “दुर्गा बंसल फर्टिलाइजर” कभी क्षेत्र की रौनक हुआ करती थी । जिससे हजारों मजदूरों का जीवन यापन हुआ करता था। और फैक्ट्री के आस पास एक बाज़ार का स्वरूप तैयार हो गया था जहां पर मजदूर तथा ग्रामीण अपनी रोजमर्रा की जरूरतों का सामान खरीदते थे किंतु फैक्ट्री बंद हो जाने के कारण मजदूरों के पलायन हो जाने से आज क्षेत्र का विकास उस स्तर पर नहीं हो पा रहा है जिसकी कल्पना दो दशक पूर्व क्षेत्रवासियों ने की थी ।
👉🏻 सन् 1984 में उद्योगपति आनंद बंसल, के.एन. बंसल तथा सर्राफा व्यवसाई बृज किशोर द्वारा स्थापित 20 करोड़ की लागत से बनी इस फैक्ट्री में उच्च कोटि की सुपर फास्फेट खाद का निर्माण होता था।इसकी सप्लाई पूरे देश में की जाती थी।
👉🏻 फैक्ट्री लगने से क्षेत्र की एक अलग ही पहचान पूरे जिले में बन गई थी । दूर दूर से बेरोजगार युवक इस फैक्ट्री में काम करने के लिए लालायित रहते थे । फैक्ट्री में करीब 300 स्थाई तथा ढाई हजार अस्थाई कर्मचारी कार्यरत थे। किंतु यह फैक्ट्री 23 मई 2001 को किन्ही कारणों से बंद हो गई। जिस से कार्यरत मजदूर बेरोजगार हो गए, और जीवन यापन करने के लिए देश प्रदेश चले गए तथा कुछ मजदूर खेती किसानी में जुट गए तथा कुछ लोग अपना छोटा-मोटा व्यापार व दुकान करके रोजी रोटी कमाने में व्यस्त हो गए।
👉🏻 फैक्ट्री बंद होने के बाद कुछ वरिष्ठ कर्मचारियों ने फैक्ट्री मालिक पर मुकदमा भी किया कि उनका जो मानदेय बकाया है उसको अतिशीघ्र भुगतान किया जाए तथा उनके लिए रोजगार की व्यवस्था भी किया जाए कई वर्षों तक चले मुकदमे में अभी तक कोई फैसला नहीं आने से और दमदार पैरवी नहीं हो सकने के चलते कर्मचारियों के हौसले भी पस्त हो गए और फैसले की आस छूट गई।
👉🏻 2006 में कानपुर के एक उद्योगपति ने पुनः इसको चलाने का प्रयास किया किंतु उन को लाइसेंस ना मिल सकने चलते उनकी योजनाएं फलीभूत ना हो सकी ।
👉🏻 क्षेत्र के युवा समाजसेवी सत्य प्रकाश यादव, चौरे चंदौली प्रधान वीरेंद्र नारायण बबलू दुबे,एससी.एसटी आयोग की पूर्व सदस्य रोली यादव, टी.एन. मिश्रा, राकेश मिश्रा, डॉक्टर पवन यादव, मनीष सिंह चौरे बाज़ार, अनिल यादव मंगारी, देवकांत तिवारी डेहरियावां, देवेश यादव मसौधा, राज सिंह, रमेश यादव, विवेक मोदनवाल, राज बहादुर यादव कोछा, राधेश्याम सिंह, रामसूरत पांडे, भारत सिंह यादव, तनवीर अहमद सिद्दीकी, आशुतोष राय, कमलजीत चौहान, आदि क्षेत्रवासियों का कहना है कि जिले की शान और रोजगार देने में मिसाल बनी रही इस “दुर्गा बंसल फ़र्टिलाइज़र” को शासन द्वारा पुनः अवश्य चलाया जाना चाहिए ।
जिससे एक बार फिर क्षेत्र में फैक्ट्री के थम चुके पहिए पुनः घूम सके। तथा क्षेत्र के विकास का पहिया भी तीव्र गति से घूम सके। और क्षेत्रीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध हो सके ।
👉 विसुही नदी के कछार पर स्थित दुर्गा बंसल फर्टिलाइजर के सायरन (सीटी) की आवाज से क्षेत्र के ग्रामीण कभी समय जान लेते थे और घड़ियां तक मिलाते थे।
