29 09 2021 29faz 20 29092021 439 22067934 233812 - जिले में तीन और मंडल में सात साल से जमे डॉक्टरों का होगा तबादला:

जिले में तीन और मंडल में सात साल से जमे डॉक्टरों का होगा तबादला:

अयोध्या उत्तर प्रदेश
29 09 2021 29faz 20 29092021 439 22067934 233812 - जिले में तीन और मंडल में सात साल से जमे डॉक्टरों का होगा तबादला:
#अयोध्या। शासन की ओर से तबादला नीति की मंजूरी के बाद अयोध्या से बड़ी संख्या में डॉक्टर भी तबादले के दायरे में आ गए हैं। यहां अलग-अलग अस्पतालों में तैनात 135 डॉक्टरों की लिस्ट शासन को भेज दी गई है। उसमें 64 डॉक्टर तीन साल या उससे भी ज्यादा समय से यहां तैनात हैं।
दरअसल प्रदेश सरकार ने इसी महीने 15 जून को तबादला नीति की मंजूरी दी है। 30 जून के बीच उन अधिकारियों व कर्मचारियों का तबादला किया जाना है, जो एक जिले में कम से कम तीन साल से जमे हैं या फिर उन्हें उसी मंडल में सेवा करते हुए सात साल का समय हो चुका है। उनका स्थानांतरण किया जाएगा।
हालांकि यह तबादला नीति सभी विभागों पर लागू है, लेकिन यहां सबसे ज्यादा असर स्वास्थ्य महकमे पर है। यहां अलग-अलग अस्पतालों में करीब 135 डॉक्टर तैनात हैं। उनमें से 64 डॉक्टर ऐसे हैं जिनका यहां तीन साल या उससे ज्यादा का सेवाकाल पूरा हो चुका है। ऐसे सभी चिकित्सकों की लिस्ट शासन को भेज दी गई है। 30 जून के बाद वहां से तबादला की जद में आने वाले चिकित्सकों की लिस्ट जारी होगी।
▪️जिला अस्पताल में कुछ चिकित्सक अंगद के पांव की तरह
जिला अस्पताल में कई ऐसे डॉक्टर तैनात हैं, जो वर्षों से यहां तैनात हैं। दो डॉक्टरों को तो 20 साल का समय बीत चुका है। तीसरे एक डॉक्टर करीब दस वर्षों से यहां जमे हुए हैं, जिनका तबादला तो कई बार हुआ, लेकिन जुगाड़ के सहारे यहां बने रहने में सफल रहे। इसके अलावा श्रीराम चिकित्सालय में आधा दर्जन ऐसे चिकित्सक हैं जो तीन वर्षों से ऊपर तैनात हैं। बस यह चिकित्सक तबादलों के दौरान इधर से उधर होते रहे हैं। जिले से बाहर कभी नहीं गए। वहीं सीएचसी-पीएचसी में 65 डॉक्टर तैनात हैं, उनमें से 32 डॉक्टरों को यहां तीन साल या उससे भी ज्यादा का समय हो चुका है।
▪️लंबी तैनाती के पीछे प्राइवेट प्रैक्टिस का खेल
सरकारी अस्पतालों में तैनात चिकित्सकों की एक ही जिले में लम्बी तैनाती के पीछे प्राइवेट प्रैक्टिस मुख्य मानी जाती है। चिकित्सक गैर जनपद इसीलिए नहीं जाना चाहते कि उनकी प्राइवेट प्रैक्टिस खराब हो जायेगी। हालांकि बहुत पहले से ही प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक है, लेकिन अमल में नहीं लाई जा सकी है। यही हाल सीएचसी और पीएचसी के डॉक्टरों का भी है। माना जा रहा है कि इस बार सरकार के तेवर देखते हुए चिकित्सकों को तबादले के बाद गैर जनपद जाना ही पड़ेगा।
तबादला नीति के तहत यहां तैनात चिकित्सकों की लिस्ट शासन को भेज दी गई है। वहीं से तय होगा कि कितने चिकित्सकों का तबादला किया जाएगा। यहां से भेजी गई लिस्ट का शासन में पहले अध्ययन होगा। बदले में यहां भी नए डॉक्टर आएंगे… ▪️डॉ. अजय राजा, सीएमओ, अयोध्या।

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