जिले के पश्चिमी छोर पर तेज बारिश के साथ आसमान से गिरे ओले
बारिश व ओले से फसले तबाह जनजीवन अस्त व्यस्त।
✍अम्बरेश यादव पप्पू मवई, अयोध्या
दिन गुरुवार वक्त दो बजकर 33 मिनट पर मवई क्षेत्र में अचानक मौसम का परिवर्तन हुआ।जो थोड़ी ही देर में तेज हवा व हल्की बारिश में तब्दील हुआ।और देखते देखते तेज मूसलधार बारिस फिर आसमान से ओले गिरने लगे।ओले को देखते ही मियां का पुरवा समीप वेलकम जलपान गृह में बैठे युवा किसान जेपी यादव ने बताया कि इस बार गेंहूँ की फसल कुछ अच्छी थी लेकिन अब ई ओला मा न बच पाई।तभी पास में बैठे गंगरेला गांव निवासी किसान राम बरन यादव ने कहा भैया हम किसान के भाग्य ऐसेन है।पहले सरकार पररेसान किए है अब भगवान भी।
बता दे कि जिले के पश्चिमी सीमा पर स्थित मवई ब्लॉक क्षेत्र में गुरुवार की दोपहर बाद बादलों की लुकाछिपी के बीच मौसम ने अपने तेवर बदलने शुरू कर दिए।सुबह से छाई धूप अब अचानक काले बादलों में तब्दील हो गए।फिर हल्की हवा के साथ आसमान में काले बादलों संघ गरज चमक के बीच साथ तेज बारिश शुरू हो गई।फिर देखते ही देखते आसमान से ओले गिरने लगे।लगभग ढाई घंटे हुई बारिश से जहां पूरा जनजीवन तबाह हो गया।वही किसान की फसलें बर्बाद हो गई।आसमान से गिरे ओले से अच्छी फसल की किसानों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है।क्षेत्र के किसान किसान रवि शर्मा नसीम खान जगदीश यादव सतीश यादव अबसार अहमद फरहान खान आतिर मसूद खान शारिक राजेश वर्मा अवधेश वर्मा सहजराम वर्मा ने बताया कि अतिवृष्टि के साथ आसमान से गिरे ओले में हम सब गरीब किसानों की फसलें तबाह हो गई।अब ऊपर वाला रहम कर दे तो ठीक है।
दर्जन भर ग्राम सभाओं में गिरे बड़े ओले
मवई क्षेत्र में लगभग तीन दर्जन ग्राम सभाओं में तेज बारिश के साथ ओले गिरे।लेकिन इनमें से दर्जन भर ग्राम सभाओं के किसान ज्यादा प्रभावित हुए है।जरायल कला मियां का पुरवा डिलवल बरौली करौंदी नेवरा कुंडिरा नौरोजपुर बघेड़ी रानेपुर काजीपुरवा बसौड़ी दुल्लापुर मखदूमपुर नूरपुर इन गांवों में बड़े आकार के ओले लगभग एक घंटे तक गिरते रहे।जिसका बुरा असर किसानों के फसलों पर पड़ा है।
क्या कहते है कृषि रक्षा प्रभारी
आज हुई तेज बारिश के साथ गिरे ओले के बावत मवई के कृषि रक्षा प्रभारी उमाशंकर वर्मा ने बताया कि आज अतिवृष्टि के साथ गिरे ओले से किसानो की तिलहन जैसी फसल राई सरसो का नुकसान हुआ है तथा गेहू की फसल में इस समय फूल निकल रहा है जिससे फूलो पे प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।जिससे गेहू में सही दाने नही हो सकते।उत्पादन में 25% नुकसान हो सकता है तथा साथ ही साथ जो किसान भाई आलू की खेती करते है उसका भी काफी नुकसान हो सकता है अधिक वर्षा की वजह से खेत में लगी आलू की फसल में गलन हो सकता है।