चैत्र राम नवमी को रामलला के ललाट पर पड़ेगी सूर्यदेव की पहली किरण।
अयोध्या।
अयोध्या श्री राम जन्मभूमि पर बन रहे रामलला के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी शुरू हो गई है। जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद रामलला को गर्भगृह में विराजमान कर दिया जाएगा। ग्राउंड फ्लोर के गर्भगृह में रामलला अपने चारो भाइयों और हनुमान जी के साथ विराजमान होंगे। गर्भगृह के बाहर मंडप की नक्काशी की जा रही है। श्रीराम जन्मभूति तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2024 में मकर संक्रांति के बाद शुभ मुहूर्त पर प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
पहली चैत्र राम नवमी पर सूर्यदेव की किरण भगवान के ललाट पर पड़ेगी इसकी व्यवस्था की जा रही है। ग्राउंड फ्लोर पर फर्श, लाइट और कुछ नक्काशी होना बाकी है। ज्यादातर काम पूरा कर लिया गया है। भगवान की मूर्ति का काम तय समय से पूरा कर लिया जाएगा। ग्राउंड फ्लोर पर फर्श, लाइट और कुछ नक्काशी होना बाकी है। ज्यादातर काम पूरा कर लिया गया है। भगवान की मूर्ति का काम तय समय से पूरा कर लिया जाएगा।
रविवार को मंदिर निर्माण की गतिविधियों से अवगत कराने के लिए मीडिया कर्मियों को बुलाया गया जिसमें बताया गया कि 162 खंभों पर राम मंदिर का भूतल तैयार किया गया है, जिसमें मंदिर के गर्भगृह कोली मंडप, गूढ़ मंडप, नृत्य मंडप, रंग मंडप व उत्तर और दक्षिण दिशा में कीर्तन मंडप के साथ गर्भगृह की परिक्रमा पथ को बनाया गया है। वहीं अष्टकोणीय बने गर्भगृह की भव्यता सफेद मकराना मार्बल से की गई है। जहां पर रामलला विराजमान होंगे और आने वाले श्रद्धालु 30 फीट की दूरी से दर्शन प्राप्त करेंगे। भूतल में बने मंडप को लेकर लगाए गए पीलर उनके गरिमा के अनुरूप होंगे।