ऑपरेशन में चिकित्सक पर लापरवाही करने का आरोप,जिला उपभोक्ता फोरम ने पीड़ित के पक्ष के फैसला सुनाया।
सुल्तानपुर।
सुल्तानपुर जिले के एक हॉस्पिटल में ऑपरेशन में चिकित्सक पर लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए दायर परिवाद में जिला उपभोक्ता फोरम ने पीड़ित के पक्ष के फैसला सुनाया है। और चिकित्सक को आदेश दिया है कि वह पीड़ित को 8.88 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति दो माह में अदा करें। मामला कोतवाली नगर के विवेक नगर मोहल्ले से जुड़ा है।शहर के विवेक नगर मोहल्ले के निवासी डॉ. जितेंद्र तिवारी का बायां पैर अगस्त 2011मे टूट गया था। इलाज कराने के लिए वे शहर के गोलाघाट स्थित सुल्तानपुर हॉस्पिटल एंड आर्थो सेंटर में डॉ. पीके पांडेय के पास गए थे जहां उन्हें एक्स-रे कराने के बाद प्लेट डालने की सलाह की दी गई थी। अगस्त 2021 को डॉ. पीके पांडेय ने जितेंद्र तिवारी के पैर का ऑपरेशन किया था। आरोप है कि चिकित्सक ने ऑपरेशन में लापरवाही की थी जिससे पैर ठीक नहीं हो पाया था। पैर में डाली गई प्लेट नीचे दब गई और रक्त संचार न होने के कारण सड़न शुरू हो गई थी।
सितंबर 2011 को दोबारा डॉ. पीके पांडेय ने ऑपरेशन करके मांसपेशियों को काटकर निकाल दिया था। ऑपरेशन के लिए जितेंद्र तिवारी से 68,000 रुपये ले लिए गए थे। उनसे चिकित्सक ने टूटी हुई हड्डी जुड़ जाने की बात कहते हुए फिजियोथिरैपी कराने की सलाह दी थी।
फिजियोथिरैपी कराने में जितेंद्र के करीब 80,000 रुपये खर्च हो गए, पर आराम नहीं हुआ, पैर में 45 फीसदी की निशक्तता आ गई। इस दौरान जितेंद्र ने कई अस्पतालों में भी इलाज कराया था। जितेंद्र ने डॉ. पीके पांडेय के खिलाफ 10 नवंबर 2014 को जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया था। फोरम के अध्यक्ष राम लखन सिंह चंद्रौल, सदस्य पुष्पा सिंह व भारत भूषण तिवारी ने आदेश दिया है कि डॉ. पीके पांडेय परिवादी जितेंद्र तिवारी को 8.88 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति अदा करें।