उत्तर प्रदेश में एग्री टूरिज्म को मिले बढ़ावा :आनंदीबेन पटेल।
अयोध्या।
अयोध्या एक जिला ही नहीं बल्कि करोड़ों भारतीयों की श्रद्धा का स्थल है। शहरों में रहने वाले ऐसे पर्यटक जो ग्रामीण जीवन के बारे में नहीं जानते, वे गांव की परंपराओं संस्कृति और रीति रिवाज में भाग लेकर ग्रामीण जीवन के बारे में जान सकते हैं। महाराष्ट्र कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने वाला पहला राज्य है जहां सतारा, पुणे, नागपुर और नासिक में कई सफल एग्री टूरिज्म केंद्र विकसित किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश में कृषि का एक मजबूत आधार है और यहां एग्री टूरिज्म को बढ़ावा देकर पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य प्रदान किया जा सकता है। विश्वविद्यालय शोध प्रशिक्षण, जागरूकता नीति निर्माण और तकनीकी सहायता प्रदान कर किसानों को सशक्त बना सकते हैं। कृषि विश्वविद्यालयों को एग्रो टूरिज्म केंद्र के रूप में विकसित कर सकते हैं जहां छात्र किसान और आम जनता ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया और वेबसाइटों के माध्यम से किसानों को उनके एग्रो टूरिज्म व्यवसाय के प्रचार प्रसार में मदद कर सकते हैं।
भारत में जीडीपी को बढ़ाने में सबसे बड़ा योगदान माताओं और किसानों का है। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों एवं कृषि विज्ञान केंद्रों को ईमानदारी से कार्य कर अपने संकल्पों को पूरा करना चाहिए। अयोध्या का आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि पहली बार में ही नैक में A++ हासिल किया जो सराहना के योग्य है। यह बातें प्रदेश की राज्यपाल/कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के एग्री बिजनेस मैनेजमेंट के प्रेक्षागृह में कही। वह “भारत में कृषि पर्यटन के माध्यम से कृषि शिक्षा एवं ग्रामीण विकास” विषय पर भारतीय कृषि विश्वविद्यालयों के 48वें कुलपति सम्मेलन को संबोधित कर रहीं थीं।
राज्यपाल ने कहा कि भारत के सभी कृषि विश्वविद्यालय भारत में कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने पर कार्य करें। कहा कि आचार्य कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय परियोजना की मदद से कृषि पर्यटन केंद्र स्थापित कर रहा है। ग्रामीण युवाओं को कृषि आधारित पर्यटन में कौशल प्रदान करने और आय के अवसरों को बढ़ाने के लिए कृषि पर्यटन पर डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने की भी सराहना की।
उन्होंने कहा कि कृषि बजट अच्छे विश्वविद्यालयों को मिलना चाहिए जो कार्य करें। जो काम नहीं करें उन विश्वविद्यालयों में बजट का पैसा छात्र-छात्राओं को दे देना चाहिए जिससे वे शोध एवं शिक्षा के कार्यों को कर सकें। विदेशों के साथ एमओयू करने की जरूरत है और उनके यहां हो रहे कार्यों को समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोग छुट्टियां मनाने विदेशों में जाते हैं लेकिन उन्हें अपने देश के पर्यटन स्थलों पर ही जाना चाहिए जिससे व्यवस्थाओं में और सुधार किया जा सके।
छात्र-छात्राओं में जो भी प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाएं उनमें चार से पांच विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को शामिल करना चाहिए जिससे कि उनकी सही प्रतिभा की पहचान हो सके। आईएयूए के उपाध्यक्ष व केयू. गांधीनगर के कुलपति डा. एन.एच. केलावाला ने सम्मेलन के बारे में सभी को अवगत कराया तो वहीं दूसरी तरफ आईएयूए के अध्यक्ष व भरसार के कुलपति डा. परविंदर कौशल ने भारतीय कृषि विवि संघ नई दिल्ली के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस मौके पर एग्री टूरिज्म पर सोमनियर, प्राकृतिक खेती, नवाचार सहित अन्य पुस्तकों का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया। इससे पूर्व सभी अतिथियों ने आचार्य नरेंद्र देव की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं जल भरो के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। छात्राओं ने विवि कुलगीत प्रस्तुत कर सभी अतिथियों का स्वागत किया। कुलपति ने राज्यपाल व समस्त अतिथियों को पौधा व मोमेंटो भेंटकर सम्मानित किया।
जीपीबी विभागाध्यक्ष डा. संजीत कुमार के संयोजन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। 48वां कुलपति सम्मेलन इस बार आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि व भारतीय कृषि विश्वविद्यालय संघ, नई दिल्ली के तत्वाधान में आयोजित किया जा रहा है। स्वागत संबोधन आचार्य नरेंद्र देव कृषि विवि के कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह एवं कुलसचिव डा. पी.एस प्रमाणिक ने सभी अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डा. सुप्रिया ने किया।