लोग अब आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को बागेश्वर धाम सरकार के नाम से जानते हैं। बागेश्वर महाराज का जन्म मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में हुआ था। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बारे में कई रहस्यमय बातें हैं। क्या आप जानते हैं कि बागेश्वर धाम सरकार ने लोगों के मन की बात पढ़कर पर्चा लिखने की सिद्धि कैसे पाई? एक निजी चैनल के साथ बातचीत में, बागेश्वर धाम सरकार ने अपनी सफलता की पूरी कहानी साझा की है। बागेश्वर धाम सरकार बचपन से ही बालाजी के भक्त रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें इस सिद्धि की प्राप्ति दादा गुरु के कारण हुई है।
गरीबी में कटा आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का बचपन
उनका बचपन गरीबी में बीता। उनके पिता जी कर्मकांड करते थे। उनके घर में बहुत गरीबी थी। मैं घर में सबसे बड़ा था त्योहार में छोटे भाई-बहन को नए कपड़े और ठीक से भोजन की व्यवस्था नहीं कर सकता था। मेरे दादा जी शुरू से ही बालाजी के भक्त थे। वो बागेश्वर धाम आते थे और बालाजी की पूजा करते थे। लोग कहते थे तुम्हारे दादाजी इतने सिद्ध पुरुष हैं तुम क्यों नहीं हो।
आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के गुरु हैं उनके दादा जी
दादाजी से मिलने बड़े-बड़े लोग लालबत्ती में लोग आते थे।। दादाजी की बातें सुनकर मेरा भी मन धर्म और अध्यात्म की तरफ मुड़ गया। मैं भी दादाजी के सत्संग सुनने लगा। उसके बाद से मैं उन्हें अपना गुरु मानने लगा। उनकी बातों को मैं सुनता था। उन्होंने बताया कि हमारे परिवार में 10 भाई हैं। लेकिन दादाजी हमें केवल जूठी चाय पिलाते थे
दादा ने कहा था रात में आना
आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि एक दिन मैं अपने दादा जी के पास जाकर बोला कि मुझे बताइए कि मेरी गरीबी कब दूर होगी। यह बात सुनकर दादाजी हंसने लगे। उसके बाद उन्होंने मुझे कहा कि तुम रात में आना तुम्हें बताऊंगा। उस समय मेरी उम्र करीब 9 या 10 साल के करीबी थी। आचार्य ने कहा कि दादाजी की बाते सुनकर मैं वापस आया और रात का इंतजार करने लगा।
रात में मिली थी सिद्धि
दादाजी ने दी कई सलाह