सुरेंद्र प्रताप सिंह
इनायतनगर/अयोध्या
ग्राम प्रधान देवशरण यादव की हत्या के बाद हल्ले द्वारिका गांव पूरी रात आक्रोश की आग में जलता रहा। हत्यारोपियों के घर को आग के हवाले कर दिया गया।
हत्याकांड को लेकर विरोध और आक्रोश उत्पात की चरमसीमा पर नजर आया। पुलिस की एक भूल से उपजा बवाल देररात तक चलता रहा।
▪रातभर गांव में पुलिस हंगामा में करने वालों के पीछे लाठी लेकर दौड़ती रही, लेकिन उनके उत्पात पर नकेल नहीं कस सकी। हल्का बल प्रयोग करने के बाद स्थिति नियंत्रित हुई, लेकिन तब तक सात घर, कई वाहन आगजनी व तोड़फोड़ का शिकार हो चुके थे।
▪मंगलवार की सुबह हल्ले द्वारिका में तनाव पूर्ण खामोशी थी। बवाल के बाद आरोपियों के परिवार व पुरवे के अधिकांश पुरुष घर छोड़ कर भाग गए।
▪एसएसपी आशीष तिवारी ने चौकी प्रभारी बारुन को निलंबित व आरक्षियों को लाइन हाजिर करके डैमेज कंट्रोल किया, लेकिन प्रधान की शिकायत को अनसुना करने वाले अपनों की गलती पर कहीं न कहीं उच्चाधिकारियों को भी शर्मिंदा होना पड़ा। आगजनी में ईश्वर दत्त, हरिभान दत्त, रमेश, रवि, राकेश की गृहस्थी समेत ट्रैक्टर, बाइक, साइकिल आदि राख हो गए।
प्रधान की हत्या के बाद उपजे विवाद को लेकर कोई भी ग्रामवासी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। ग्राम समाज की जमीन पर कब्जेदारी की पुरानी रंजिश इस वारदात के पीछे वजह मानी जा रही है। आरोपित के घर पुलिस निगरानी में हैं।
▪पुलिस निगरानी में गांव जाने वाले रास्ते हल्ले द्वारिका गांव की ओर जाने वाले मार्गों की भी निगरानी बढ़ा दी गई। ऐसे कोई शख्स गांव में प्रवेश न करने पाए, जिसकी वजह से विवाद बढ़े।
▪पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के नेतृत्व में बड़ी संख्या में सिपाही और पीएसी के जवान हल्लेद्वारिका जाने वाले रास्तों की निगरानी करते रहे।