अयोध्या में होली का उत्सव शुरू, साधु-संतों ने जमकर उड़ाया अबीर-गुलाल।
अयोध्या।
अयोध्या श्रीरामनगरी में योगी सरकार बनने के बाद अपनी धरोहर अपनी आस्था को पुनः सम्मान मिल रहा है। श्रीराम की नगरी में बुधवार को साधु-संतों के बीच रंगभरी एकादशी को लेकर उत्साह देखने को मिला। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संतों-महंतों को मिलने वाली सुरक्षा से साधु-संत खुलकर इस त्योहार का आनंद लेते दिखे। अयोध्या में होली से पांच दिन पहले ही रंगोत्सव का त्योहार रंगभरी एकादशी से शुरू हो गया। प्रभु श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या की पहली रंगभरी एकादशी बड़े ही धूमधाम से मनाई गई। रंगभरी एकादशी को हनुमानगढ़ी मंदिर में हनुमान जी को गुलाल लगाने के साथ उत्सव का आरंभ हुआ।
अखिल भारतीय निर्वाणी अखाड़ा हनुमानगढ़ी के 500 संतों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली खेली। इससे पहले संतों ने हनुमान जी के निशान की पूजा की। सभी संतों ने होली खेलते हुए अयोध्या की पंचकोसी परिक्रमा की। ब्रह्म मुहूर्त में ही रामनगरी के मंदिरों के गर्भगृह में विराजमान भगवान की राग-भोग आरती, साज-सज्जा के साथ उनके गाल पर गुलाल लगाया गया। अवध में होली के आगाज पर मंदिरों में आने वाले भक्तों को भी प्रसाद के रूप में गुलाल लगाया गया। अबीर से सराबोर हुई रामनगरी की संस्कृति का उल्लास चरम पर है। फाल्गुन शुक्ल एकादशी मतलब रंगभरी एकादशी पर्व से अवध की होली का विधिवत शुभारंभ होता है।
रंगभरी एकादशी के पर्व पर रामनगरी में संतों-महंतों ने अपने आराध्य के प्रति अनुराग प्रकट करते हुए अबीर-गुलाल उड़ाकर प्रभु के साथ होली खेली। हनुमानगढ़ी परिसर में रंगभरी एकादशी पर श्रद्धा अपने चरम पर दिखी। इस मौके पर धार्मिक नगरी अयोध्या कि सड़कें अबीर और गुलाल से रंगी नजर आईं। परम्परागत रूप से कड़ी सुरक्षा में प्रमुख सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी से संतों का जुलूस अयोध्या की सड़कों पर निकला। संतों ने ढोल की धुन पर जमकर नृत्य किया और अखाड़ों के पहलवानों ने अपनी शौर्य कला का भी प्रदर्शन किया।