अयोध्या में जीएसटी दबाने वाली पंचायतों को चिह्नित करने की तैयारी।
अयोध्या।
अयोध्या गांवों के विकास के नाम पर धनराशि खर्च कर धनाढ्य होते जा रहे प्रधानों की अब मुसीबत बढ़ती जा रही है। लाखों खर्च कर जीएसटी जमा नहीं करने वाले प्रधानों व सप्लायरों पर बड़ी कार्रवाई होने जा रही है। राज्य कर कार्यालय ने ऐसी ग्राम पंचायतों व सप्लायरों को चिह्नित कर लिया है, जिन्होंने जीएसटी जमा नहीं किया है। जीएसटी चोरी करने वाली ऐसी ग्राम पंचायतों व सप्लायरों पर 50-50 हजार का जुर्माना लगाने की तैयारी कर ली गई है।
अयोध्या जिले में 835 के लगभग ग्राम पंचायतें हैं। इनमें से अभी भी 427 ग्राम पंचायतों ने जीएसटी पंजीकरण नहीं कराया है। वहीं जिन 408 ग्राम पंचायतों ने जीएसटी पंजीयन कराया है, उनके द्वारा भी जीएसटी रिटर्न जीएसटीआर-7 शून्य का फाइल किया गया है। पंचायत राज विभाग के अनुसार 11 ब्लाकों में से केवल रुदौली , पूराबाजार, मिल्कीपुर, मवई व सोहावल द्वारा ही सप्लायरों, वर्क कान्ट्रैक्टरों को भुगतान कर जीएससटी फाइल शो कर रहा है। शेष आठ ब्लाकों द्वारा मार्च 2023 से अभी तक शून्य का जीएसटीआर-7 फाइल किया गया है। ग्राम पंचायतों द्वारा कार्य व भुगतान का डेटा नहीं होने से राज्यकर कार्यालय को यह पता नहीं चल पाता कि किस ग्राम पंचायत ने कार्य कराया और किसे कितना भुगतान किया। इसी का फायदा उठाते हुए ग्राम पंचायतें जीएसटी दबाए हुई हैं। इससे सरकार को हर वर्ष करोड़ों रुपये का राजस्व घाटा हो रहा है।
इसे लेकर राज्य कर द्वारा कहा गया है जिन भी सरकारी विभागों/ब्लाकों/ग्राम पंचायतों द्वारा जीएसटी रिटर्न जीएसटीआर-7 में सही विवरण नहीं भरा जा रहा है या शून्य का रिटर्न दाखिल किया जा रहा है। यदि वह निर्धारित समय में रिटर्न जमा नहीं करते हैं तो उनपर 50-50 हजार अर्थदण्ड की कार्रवाई की जाएगी।