अयोध्या : जिला प्रशासन का गरजा बुलडोजर, व्यापारियों में आक्रोश…
अयोध्या : जिला प्रशासन का गरजा बुलडोजर, व्यापारियों में आक्रोश…
सांसद लल्लू सिंह से व्यापारियों को मिले आश्वासन के बावजूद दूसरे दिन गुरुवार को चौड़ीकरण को लेकर प्रशासन का बुलडोजर अयोध्या में पहुंच गया। टीम की अचानक कार्रवाई को देख व्यापारियों में हड़कंप मच गया। प्रशासन ने सबसे पहले बड़ा स्थान तिराहे पर स्थित संस्कृत महाविद्यालय व खाली दुकानों को गिराना शुरू किया।
डर के मारे सहमे हुए व्यापारियों की अफसरों से कहा सुनीं भी हुई। व्यापारियों की कुछ शिकायतों के बाद अफसरों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि अभी कोई भी दुकानें नहीं तोड़ी जाएंगी। साथ ही पुराने वादे के तहत व्यापारियों के साथ एक समन्वय बैठक भी की जाएगी।दोपहर एक बजे के करीब एडीएम प्रशासन अमित सिंह, तहसीलदार राजकुमार पांडे दल-बल के साथ अयोध्या पहुंचे।
कुछ ही समय में आसपास के सैकड़ों व्यापारी मौके पर पहुंच गए। इस दौरान सभी ने व्यापारी नेता प्रतिनिधि नन्द कुमार गुप्ता को मौके पर बुलाया गया। उसके बाद व्यापारियों ने अफसरों से बगैर नोटिस दिये सभी दुकानदारों के खिलाफ मुनादी कराये जाने शिकायत की। उपरोक्त योजना में डीपीआर के विपरीत कार्ययोजना को आगे बढ़ाये जाने का व्यापारियों ने विरोध किया।
नाराज व्यापारियों ने मकान मालिक के मनमानी की बात बताई और आरोप लगाया कि प्रशासन मकान मालिकों से मिलकर व्यापारियों का काफी नुकसान करवा रहा है। साथ ही कानूनी प्रक्रिया को जब अफसरों को बताया तो वे भी डाउन पड़ गए । इसके बाद जिला प्रशासन ने व्यापारियों के साथ शुक्रवार की शाम को 4 बजे राजद्वार पार्क में समन्वय बैठक करने का आश्वासन दिया है।
साथ ही अभी कोई दुकान ना तोड़ने का भी आश्वासन दिया है। एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने बताया कि श्रृंगार हाट से राम जन्मभूमि तक मार्केट चौड़ा किया जाना है। लगभग 14 मीटर का मार्ग होगा। इसमें दो तरीके के लोग हैं जो प्रभावित हैं एक वह जिनकी जमीनें हैं दूसरे जो दुकानदार है जिनका व्यवस्थापन पुनर्वास होना है।
350 दुकानदारों में से 190 व्यापारियों के खाते में पैसा भेजा जा चुका है। यहां 3 दुकानदार हैं एक दुकानदार वह हैं जिनके पास दुकान के पीछे जगह बची है उनको निर्देशित किया गया है कि पहले वह पीछे अपनी दुकानें बना लें, ताकि आगे से उनकी दुकानें हटाई जा सके।
दूसरे वह दुकानदार है जिनके दुकान के पीछे जगह नहीं बच रही है, लेकिन उनके पीछे हनुमानगढ़ी की जमीन खाली पड़ी है उसमें संतो से यह निवेदन किया गया है कि अपनी शर्तों पर दुकानदारों को पीछे जमीन दे दें। तीसरे वह दुकानदार हैं जो पूर्ण रूप से विस्थापित हो रहे हैं उन्हें विकास प्राधिकरण के अंदर बनाई जा रही मार्केट में दुकानें आवंटित की जाएंगी।
एडीएम प्रशासन ने कहा कि पहले बताएंगे, फिर हटाएंगे इसके तहत कार्य किया जा रहा है। अभी केवल उन दुकानों को हटाने के लिए तैयारी की जा रही है जिनके दुकानों के पीछे जगह बची है और उनके खातों में पैसा भेजा जा चुका है वह अपना निर्माण तेजी से करें ताकि हम उस जगह की रोड को चौड़ा कर सकें।
जो दुकानें तोड़ी गई है वह पूर्ण रूप से खाली थीं हमने दुकानदारों को यह भरोसा दिलाया है कि हम जबरदस्ती विध्वंस नहीं करेंगे। बीते दिनों मुनादी के लेकर व्यवसायियों के भ्रम पर बोलते हुए कहा कि जो मुनादी कराई गई थी वह उन लोगों की कराई गई थी जिनके दुकान के पीछे दुकान है और जिनके खातों में पैसा भेजा जा चुका है।
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