अपनी जान-जोखिम में डालकर सैकड़ों लोग प्राइवेट नाव से नदी पार करने को मजबूर।
✍नितेश सिंह रुदौली, अयोध्या
रुदौली तहसील क्षेत्र अंतर्गत घाघरा नदी को पार करने के लिए बाढ़ ग्रस्त गांवो के महंगू का पुरवा,मरौचा,सल्लाहपुर,कोयलावर,अब्बुपुर,उधरौरा,पस्ता,सडरी,पसय्या,नैपुरा आदि गांवों के लोगों द्दारा नदी पार कर जानवरों के लिए चारा गोंडा ज़िला को जाने वाले लोगों को सरकारी नाव न होने से अपनी जान जोखिम में डालकर प्राइवेट नावों से सफर करना पड़ता है।महंगू का पुरवा घाट का नज़ारा कुछ इस तरह देखने को मिला कि नाविक नावों पर छमता से कहीं ज्यादा सवारियों को बैठा कर लोगोँ की जान जोखिम में डालकर बड़ी संख्या में सवारियों को बिना कोई सुरक्षा बंदोबस्त के रोजाना सैकड़ों लोगों को घाघरा नदी पार कराया जा रहा है और नदी के उस पार से जोखिम के साथ वापस भी लाया रहा है।
बाढ़ ग्रस्त गांवो के ग्रामीण ने बताया
वहीं बाढ़ ग्रस्त गांवो के उधरौररा निवासी अरविंद कुमार सिंह,सड़री पसय्या निवासी राजित राम,मंहगू का पुरवा निवासी रमेश यादव और सल्लाहपुर निवासी रामू वर्मा ने बताया कि दर्जनों गांवों के लोग सरकारी नाव न चलने के कारण अपनी जान जोखिम में डालकर ज्यादा पैसा देकर नदी पार करके नदी के उसपार अपने जानवरों के लिए चारा लाने व अन्य कार्यो के लिए गोंडा जिला में जाते हैं।उक्त लोगों का कहना है कि अगर सरकारी नाव इस बाढ़ ग्रस्त इलाकों में चलने लगे तो लोगों को कम किराया में और अपनी जान जोखिम में डालकर न जाना पड़े।
अगर प्रशासन द्दारा नावों पर छमता से अधिक सवारियों की जानो को जोखिम डालकर नदी पार कराने वाले नाविकों पर कोई कार्यवाही न की गई तो ऐसे में यहां कभी भी कोई बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
कुछ माह पहले डूबी थी एक नाव
इसी क्षेत्र में कुछ माह पहले ही मरौचा घाट से क्षेत्र के लोगों को लेकर जा रही एक ओवर लोड नाव के डूब जाने से कई लोग डूब गए थे जिसमें रूदौली के एक अध्य्यापक की डूबकर मौत हो गई थी जो गोंडा जिला के विद्यालय में तैनात थे।इस सम्बंध में एसडीएम रुदौली विपिन कुमार सिंह ने कहा कि मामला संज
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